कविता : हम दुनिया में नम्बर एक बन गये हैं,

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र,

क्योंकि हम दुनिया में जनसंख्या
के बल पर नंबर एक बन गये हैं,
हिंदुओं को हिन्दू होने पर नाज हैं,
मुस्लिम को मुस्लिम होने के नाज हैं।
क्योंकि हम दुनिया में जनसंख्या
के बल पर नंबर एक बन गये हैं।

राम कृष्ण मेरे मुझसे खुश हो रहे हैं,
खुदा मुसलमानों पर खुश हो रहे हैं,
पाप पुण्य इन्होंने भी किए होंगे कभी,
नेकी गुनाह उन्होंने भी किए होंगे कभी,
क्योंकि हम दुनिया में जनसंख्या
के बल पर नम्बर एक बन गये हैं।

इंसानियत ख़त्म होने की सजा
शायद मालिक हमको दे रहा है,
राम कृष्ण न मंदिर में मिल रहे हैं,
ना अल्लाह मस्जिद में मिलते हैं।
क्योंकि हम दुनिया में जनसंख्या
के बल पर नंबर एक बन गये हैं।

ग़लती इनकी भी तो उतनी ही है,
ख़ता उनकी भी तो उतनी ही है,
आओ वक्त रहते संभल जाते हैं,
इंसानियत धर्म को अपना लेते हैं।
क्योंकि हम दुनिया में जनसंख्या
के बल पर नम्बर एक बन गये हैं।

ईश्वर-अल्लाह हैं तो सब एक ही,
हिंदू- मुस्लिम भी तो सब एक हैं,
हम सब मिल कर एक बन जायें,
सिर्फ नेक भारतीय बन जाते हैं,
क्योंकि हम दुनिया में जनसंख्या
के बल पर नंबर एक बन गये हैं।

अपने प्रभू और ख़ुदा को मनाकर,
खुश करना हम सब सीख लेते हैं,
आदित्य जनसंख्या के बढ़ते इस
संकट से मिल कर मुक्ति पाते हैं।
क्योंकि हम दुनिया में जनसंख्या
के बल पर नम्बर एक बन गये हैं।

 

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