
यूपी। लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग भारतीय लेखांकन संघ (लखनऊ शाखा) के सहयोग से स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्षों के उपरांत तृतीय महत्तम अर्थव्यवस्था की ओर भारत के बढ़ते कदम” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत उमेश दिवेदी विधान परिषद् के सदस्य, उत्तर प्रदेश, इंजिनियर अश्वनी कुमार सिंह विधान परिषद् के सदस्य, प्रोफेसर जसराज बोहरा, अध्यक्ष, लेखांकन संघ (लखनऊ शाखा) के भाषण से शुरू हुई। दूसरे दिन तकरीबन 150 शोध पत्रों के साथ तीन तकनीकी सत्रों और एक प्लेनरी सत्र का आयोजन किया गया।
डॉ. संदीप गोयल ने टाटा पावर की उत्कृष्ट उदाहरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए बदलाव की बात की। उन्होंने समाज में सकारात्मक परिवर्तन और कॉर्पोरेट वृद्धि को बढ़ावा देने की बात की। डॉ. शाद अहमद खान ने नीति निर्माताओं और व्यवसायों को ऐसी सतत् विकास योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा दी जो इस असमानता के मूल कारणों का समाधान करें जिससे एक अधिक समान और समावेशी समाज की स्थापना हो सके। अपने भाषण में प्रोफेसर अवधेश कुमार ने G20 देशों के दृष्टिकोण और प्रधानमंत्री द्वारा सतत् विकास लक्ष्यों पर मार्गदर्शन प्रदान करने के बारे में विचार व्यक्त किए।
इंजीनियर अश्वनी कुमार सिंह ने सम्मेलन में मुख्य भाषण देते हुए शिक्षा के महत्व को उजागर करते हुए और जनसंख्या को सशक्त बनाने के लिए अनुकूलता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण घटकों को उजागर किया और उसके प्रभावी क्रियान्वयन की अपील की ताकि एक ज्ञान-आधारित समाज बनाया जा सके। एक शिक्षित जनसंख्या स्थायी और प्रगतिशील राष्ट्र का आधार है। इंजीनियर अस्वनी कुमार सिंह ने कहा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
उमेश दिवेदी ने अपने भाषण मे संविधान के उद्देश्य को याद दिलाया। उमेश ने भारत के धनी इतिहास और शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व करने की क्षमता को दर्शाया और भारत के शिक्षक और मेंटर के रूप में दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने देश के मानव संसाधन और बौद्धिक पूंजी के विशाल संग्रह का उल्लेख करते हुए भारत के विश्व नेतृत्व के महत्व को जताया।
जसराज बोहरा के अनुसार सतत् संवृद्धि के मुद्दे का समाधान शिक्षा और प्रशिक्षण में निवेश, रोजगार के सृजन में नवाचार और सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने वाली नीतियों के लागू होने की आवश्यकता जताई। उन्होंने सरकारों व्यापारिक संस्थाओं और सिविल सोसाइटी को सतत् विकास की प्राप्ति के लिए साथ मिलकर काम करने की जरूरत को जताया और इस बात को जोर दिया कि सबके लाभ के लिए संचालित विकास की आवश्यकता है। सम्मेलन में आर्थिक वृद्धि के विषय पर चर्चा में अभूतपूर्व योगदान के लिए शीर्ष चार प्रस्तुतियों को सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार से सम्मानित करने के साथ विदाई समारोह से समाप्त हुआ।
विदाई समारोह का समापन डॉ. सुनीता श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद देने के साथ हुआ। इस आयोजन में सम्मेलन के सचिव प्रोफेसर राम मिलन सह-संयोजक-प्रो. सोमेश कुमार शुक्ला, संयुक्त सचिव-डॉ. गीतिका टी कपूर डॉ. अन्य फैकल्टी सदस्य-डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. अकृति जायसवाल डॉ. प्रशांत डॉ. ऋषि कांत, डॉ. चन्द्रकांत सहित विभाग के छात्र-छात्राओं और प्रतिभागियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।