ऐतिहासिक स्मारकों और स्थानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये हर साल 18 अप्रैल को वल्र्ड हेरिटेज डे मनाया जाता है। इसके अलावा, यह दिन राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण के महत्व पर जोर देता है। इस अवसर पर एण्डटीवी के कलाकारों मिक्की डुडाने (वरुण शर्मा, ‘दूसरी माँ’), गज़ल सूद (कैट सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और इमरान नज़ीर खान (टिम्मी, ‘भाबीजी घर पर हैं’) ने उन विश्व धरोहर स्थलों के बारे में बताया, जहाँ वे घूमने के लिए जाना चाहते हैं। मिक्की डुडाने, यानि वरुण शर्मा ने कहा, ‘‘मैं दिलवालों की दिल्ली से हूँ और मुझे वहाँ के धरोहर स्थलों पर गर्व है। मैं बचपन से ही कुतुब मीनार और लाल किले की शान को देख रहा हूँ। लेकिन घूमने-फिरने का शौक होने के कारण मैं जयपुर आना चाहता था, क्योंकि इसे पिछले साल ही यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है।
सौभाग्य से, मेरे शो ‘दूसरी माँ’ का सेट यहीं है और हम पिछले कुछ हफ्तों से ‘गुलाबी शहर’ में इसकी शूटिंग कर रहे हैं। जयपुर की खूबसूरती और इतिहास, चाहे प्राचीन हो, मध्यकालीन या आधुनिक, बेमिसाल है। मैं यहाँ जिन जगहों पर जाना चाहता हूँ, उनकी सूची बना चुका हूँ, जैसे कि आमेर का किला, जंतर मंतर, सिटी पैलेस, हवा महल और गोविंद देव मंदिर की रचनात्मक और वास्तुशिल्पीय कारीगरी को देखना चाहता हूं। मुझे जब भी अपने व्यस्त शेड्यूल से थोड़ा वक्त मिलता है, मैं जयपुर के समृद्ध ऐतिहासिक स्मारकों का अनुभव लूंगा और अपने सोशल मीडिया को उनकी बेहतरीन तस्वीरों से भर दूंगा।’’
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कैट, यानि गज़ल सूद ने कहा, ‘‘हममें से ज्यादातर लोगों के पास उन जगहों की सूची है, जहाँ हम एक दिन जाना चाहते हैं; मेरी इच्छा प्यार की निशानी ताजमहल को देखने की थी। कॉलेज के दौरान मैं हमेशा ऐसी तस्वीर खिंचवाने की कल्पना करती थी कि मेरे हाथ में ताजमहल का गुंबद हो। दुनिया का सातवां अजूबा रात में ज्यादा खूबसूरत दिखता है और अपने दोस्तों के साथ उसे सुबह देखने के बाद, हम चांदनी रात में उसे देखने गये थे। वह बड़ा ही खूबसूरत था। हेरिटेज साइट्स हमारे अतीत की विरासत हैं और हमें उनका संरक्षण करना चाहिये। वल्र्ड हेरिटेज डे पर मैं हर किसी से इन ऐतिहासिक खजानों के संरक्षण में योगदान देने का आग्रह करती हूँ।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के टिम्मी, यानि इमरान नज़ीर खान ने कहा, ‘‘मैं पिछले साल मध्यप्रदेश गया था और भारत के दिल की ऐतिहासिक और बुनियादी ढांचे के मामले में सुंदरता देखकर मुझे उससे प्यार हो गया।
वहाँ कई यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट्स हैं। जब मैंने वह टीवी विज्ञापन देखा था कि ‘अगर मध्यप्रदेश आये और खजुराहो नहीं देखा तो क्या देखा?’’, तभी से मैं वहां जाने का इच्छुक था और मेरी तमन्ना पिछले साल पूरी हुई। नगारा शैली में बने खजुराहो के सारे मंदिर जरूर देखने चाहिये, क्योंकि वे मूर्तिकला और शिल्पकला के प्रतिमान हैं। यह मंदिर दुनिया को भारत की अनोखी देन हैं और उत्तम अभिव्यक्ति के साथ जीवन का प्रेम और आनंद दिखाते हैं। एमपी में वह आर्किटेक्चर और दूसरी हेरिटेज साइट्स, जैसे कि सांची स्तूप और भीमबेटका की चट्टानें देखना जिन्दगी में एक बार मिलने वाले अनुभव जैसा था और उनका संरक्षण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मेरी सूची में दूसरी हेरिटेज साइट है महाराष्ट्र की अजंता एलोरा गुफाएं, जहाँ मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ जल्दी ही जाऊंगा। वल्र्ड हेरिटेज डे पर, आइये हम अपने प्राचीन विश्व धरोहर स्थलों की बहाली और संरक्षण का संकल्प लें।’’