लखनऊ । उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए गुरुवार शाम को आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। राजधानी लखनऊ में कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नगर निकाय चुनाव को लेकर मेयर पदों, नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद सीटों के लिए के लिए आरक्षण सूची को जारी की। जिसके बाद यूपी में होने वाले निकाय चुनाव का रास्ता का साफ हो चुका है। यूपी शासन की ओर से इस संबंध में आज आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। आरक्षण पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व महिला वर्ग को शामिल किया गया है। वहीं शासन ने आरक्षण के संबंध में संभावित आपत्तियों को छह अप्रैल से पहले दर्ज कराने के लिए कहा है। बता दें कि प्रदेश के 17 नगर निगम में से नौ नगर निगम के मेयर पद आरक्षित कर दिए गए हैं। जिसमें आगरा नगर निगम अनुसूचित जाति महिला, झांसी नगर निगम अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर नगर निगम पिछड़ा वर्ग महिला, फिरोजाबाद नगर निगम को पिछड़ा वर्ग महिला, सहारनपुर नगर निगम को पिछड़ा वर्ग, मेरठ नगर निगम को पिछड़ा वर्ग, लखनऊ नगर निगम को महिला, कानपुर नगर निगम को महिला और गाजियाबाद नगर निगम को महिला के लिए आरक्षित किया गया है। वहीं आठ सीटें सामान्य हैं। जिसमें वाराणसी नगर निगम अनारक्षित, प्रयागराज नगर निगम अनारक्षित, अलीगढ़ नगर निगम अनारक्षित, बरेली नगर निगम अनारक्षित, मुरादाबाद नगर निगम अनारक्षित, गोरखपुर नगर निगम अनारक्षित, अयोध्या नगर निगम अनारक्षित, मथुरा-वृंदावन नगर निगम को अनारक्षित किया गया है।
गौरतलब है कि यूपी की 760 नगर निकायों में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षद सीटों के लिए पिछले साल दिसंबर में ही चुनाव कराए जाने की प्लानिंग थी। राज्य सरकार ने निकाय चुनाव के लिए सीटों का आरक्षण भी जारी कर दिया था लेकिन आरक्षण को लेकर मामला हाईकोर्ट चला गया। हाई कोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया तो यूपी सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने रिटायर्ड जज राम औतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ओबीसी आयोग का गठन किया था जिसने अपनी सर्वे रिपोर्ट अब सरकार को सौंप दी है। उस रिपोर्ट को कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है और अब उसी कड़ी में आज शाम अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब जल्द ही यूपी निकाय चुनाव के लिए तारीखों का एलान हो जाएगा।