नवरात्रि में रामोपासना_महत्वपूर्ण

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी
    बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

र+आ+म=राम :~अ+उ+म=ॐ

न शापोद्धार,न संकल्प और न किसी प्रकार के विधि निषेध का पालन…राम महामंत्र की साधना में सुनिश्चित किया गया है। राम सकल नामन ते अधिका।होहु नाथ खल गन अघ वधिका।।राम की उपासना चैत्र मास की नवरात्रि में इसलिए भी आवश्यक है,क्योंकि श्रीराम का जन्म रामनवमी को हुआ। नवमी पूर्णा तिथि है,यह न्यूमरलोजी में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिसुत मंगल का अंक कहलाता है।

भूमि सुता सीता हैं। मंगल इस तरह से उनके भाई लगते हैं। र-अग्नि बीज है,अं सूर्य बीज है और मं- चंद्र बीज है। राम महामंत्र तीनों तैजस तत्वों के बीज मंत्रों से बना है। बंदउं राम नाम रघुबर को हेतु कृशानु भानु हिमकर को।। कृशानु-अग्नि, भानु -सूर्य,हिमकर-चंद्रमा का कारण है।
तीनों तैजस तत्व स्वत: शोधन कर देते हैं। यह इतने तीव्र और परम प्रकाश मय हैं कि स्मरण करते ही शुद्ध कर देते हैं। इसीलिए स्त्री,वैश्य,शूद्र सवर्ण अथवा किसी भी जाति धर्म का कोई भी जपे उसको वहीं लाभ मिलता है जो प्रणव के जप से मिलता है। प्रणव हर कोई नहीं जप सकता है। उसके लिए शरीर शुद्धि,आसन शुद्धि,यज्ञोपवीतधारी द्विज होना जरूरी है।

सीताराम कहने पर यह दिव्य शक्ति और अधिक अनुकूल बन जाती है। मोक्ष के साथ भौतिक सुखों को भी देने लग जाती है।
देवर्षि नारद ने शिव जी से चराचर जगत के स्वामी भगवान श्रीसच्चिदानंद का ऐसा नाम बताने को कहा जो सर्व सुलभ हो। उन्होंने विष्णु सहस्रनाम के बराबर दो अक्षरों का नाम बताया~#राम

मैने अपने पूज्य पिता जी पं मथुरा मणि त्रिपाठी से पूछा कि राम नाम की क्या विशेषता है,वे परम भक्त व संस्कृत के विद्वान थे। बोले वर्ण विपर्यय से र+आ+म,आ+र+म हुआ। मध्य के र अक्षर का सषजुसोरु: सूत्र से उ हुआ। इस प्रकार आ+उ+म हुआ। संधि हौने पर ओम~ॐ हो गया।वास्तव मे प्रणव ही राम है। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने राम नाम को विष्णु सहस्रनाम के समतुल्य बताया। श्रीराम रक्षा स्तोत्र मे आया है ,शिव जी ने देवी पार्वती से कहा ” सहस्र नाम तत्तुल्यम् ‘राम’ नाम वरानने।”

इस तरह राम नाम सबसे संक्षिप्त भगवान का नाम है। जिसे सभी सर्व काल में कहीं भी और कभी भी जप सकते हैं। जगद्गुरु रामानंदाचार्य से संत कबीर दास और संत रैदास को #राम नाम की दीक्षा मिली। श्रीगुरु नानक देव ने राम सुमिरि का संकेत किया। सभी सगुण और निर्गुण आचार्यों ने राम नाम को महत्व दिया। मोक्ष नगरी काशी मे हर मृतक को भगवान शिव राम नाम की दीक्षा देकर मुक्त करते है़।

Religion

व्रत विवेक कौन से वार को व्रत करने से क्या लाभ

डॉ उमाशंकर मिश्र लखनऊ।  सामान्य जीवन में लोग पूजा-पाठ और व्रत का पालन करते हैं। लेकिन यह नहीं पता होता है कि इस व्रत से क्या लाभ होता है? यदि आप पूजा पाठ करते हैं, व्रत रखते हैं तो जान लीजिए कि किस दिन किस देवता की पूजा होती है और किसका व्रत रखा जाता […]

Read More
Religion

घर में रखते हैं गंगाजल तो  बरतिए यह सावधानी नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान

डॉ उमाशंकर मिश्र घर में हो गंगाजल तो ध्यान रखें कुछ बातें लखनऊ। अक्सर आपने देखा होगा कि लोग घरों में गंगाजल रखते हैं। लेकिन लोग यह नहीं जानते हैं कि घर में गंगाजल रखने से पहले क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। कई बार ऐसी गलती हो जाती है जिससे फल मिलने की वजह नुकसान […]

Read More
Religion

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें इन तीन पेड़ों की पूजा, अखंड सौभाग्य के साथ धन प्राप्ति का मिलेगा आशीर्वाद

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा विवाहित स्त्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखा जाता है। कहते हैं कि सावित्री ने अपने पतिधर्म से यमराज को भी अपना निर्णय बदलने पर मजबूर कर दिया था और अपने पति के […]

Read More