ओशोवाणी: बहुत तेज न दौड़ों, वही मिलेगा जो भाग्य में है

मुल्ला नसरुद्दीन मरता था तो उसने अपने बेटे को कहा कि अब मैं तुझे दो बातें समझा देता हूं। मरने के पहले ही तुझे कह जाता हूं इन्हें ध्यान में रखना। दो बातें हैं। एक आनेस्टी (ईमानदारी) और दूसरी है—विजडम (बुद्धिमानी)। तो, दुकान तू सम्हालेगा, काम तू सम्हालेगा। दुकान पर तखती लगी है आनेस्टी इज … Continue reading ओशोवाणी: बहुत तेज न दौड़ों, वही मिलेगा जो भाग्य में है