हुंकारः बिजली कर्मियों के साथ ज्यादती हुई तो घुटने पर आ जाएगी सूबे की बिजली व्यवस्था

सरकार ने मनमानी की तो 72 घंटे की हड़ताल ले लेगी बड़े आंदोलन का रूप

संयुक्त समिति का दावा- सामूहिक जेल भरो आंदोलन की ओर रूख कर जाएंगे बिजली कर्मचारी

लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर चल रही बिजली कर्मियों की प्रान्तव्यापी हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बिजलीकर्मी नेताओं की गिरफ्तारी के आदेश की चर्चा के बीच यह चेतावनी दी है कि यदि शान्तिपूर्ण ढंग से आन्दोलनरत बिजली कर्मियों को गिरफ्तार किया गया या बिजली कर्मियों की बर्खास्तगी की गयी तो ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता और निविदा/संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे और पूरे प्रदेश में सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ होगा।

बिजली कर्मियों की हड़ताल के दूसरे दिन आज बिजली व्यवस्था पर प्रभाव दिखाई दिया। अनपरा बिजली घर में 500 मेगावाट क्षमता की एक और इकाई बिजली कर्मियों के काम पर न जाने के कारण बन्द करनी पड़ी। इसके अतिरिक्त ओबरा ताप बिजली घर की कुल 1000 मेगावाट क्षमता की पांच इकाईंयों ने पूरी तरह काम करना बन्द कर दिया है। अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की तीन इकाईयां हड़ताल के पहले दिन कल बन्द हो गई थीं। पारीछा ताप बिजली घर में भी कल 210 मेगावाट क्षमता की एक इकाई बन्द करनी पड़ी थी। इस प्रकार उत्पादन निगम में 2950 मेगावाट क्षमता की 12 ताप बिजली इकाईयां अब तक बन्द हो चुकी हैं। पारेषण की कई लाइनें बन्द हो गई हैं और 33/11 केवी वितरण उपकेन्द्रों पर बिजली कर्मियों के न होने के कारण बिजली वितरण की व्यवस्था चरमरा रही है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इस हालात के लिए ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन और सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि तीन दिसम्बर 2022 को ऊर्जा मंत्री के साथ संघर्ष समिति का लिखित समझौता हुआ जिसे बिजली निगमों के चेयरमैन मानने से इन्कार कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने हड़ताल से उत्पन्न स्थिति के लिए ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के हठवादी रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री जी से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है।

संघर्ष समिति ने कहा कि निविदा/संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश एवं बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज करने तथा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश के चलते टकराव और बढ़ गया है। बिजलीकर्मी शांतिपूर्वक 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं किन्तु उक्त दमनात्मक कदमों से यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में तथा जेल भरो आन्दोलन में बदल सकती है। राजधानी लखनऊ में शत-प्रतिशत कर्मचारी सड़कों पर उतरे एवं समस्त ताप विद्युत तथा जल विद्युत परियोजनाओं व सभी जनपदों के लगभग एक लाख बिजलीकर्मियों ने हड़ताल में सम्मिलित होकर विरोध प्रदर्शन किया।

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