
कोल्हापुर। मशहूर मराठी फिल्म अभिनेता भालचंद्र कुलकर्णी का शनिवार को बीमारी के कारण निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। पेशे से शिक्षक (Teacher) रहे भालचंद्र ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत दिवंगत गीतकार जगदीश खेबुदकर के नाटक ‘गवरन मेवा’ से की थी। उन्होंने 300 से अधिक मराठी फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें ‘हलद रुसली कुंकू हसाले’, ‘जुंजा तुजी माजी’, ‘जव्याची जाट’ और अन्य शामिल हैं। उन्होंने मराठी फिल्म उद्योग पर तीन पुस्तकें भी लिखीं।
भालचंद्र कुलकर्णी ने कई नाटकों और फिल्मों में किया था काम
अपने चार दशकों के करियर के दौरान भालचंद्र कुलकर्णी ने कई थिएटर नाटकों, टेलीविजन धारावाहिकों (Television shows) में काम किया। उन्होंने 1965 में सबसे पहले फोक प्ले में अभिनय करना शुरू किया था। वे खुद को महाराष्ट्र के रंगमंच के पारंपरिक रूप तमाशा की उपज कहते थे। बताया गया है कि कुलकर्णी ने सोंगद्या, पिंजारा और कई अन्य फेमस मराठी (Famous Marathi) फिल्मों में काम किया था। बताया गया है कि भालचंद्र कुलकर्णी ने सहायक भूमिका के साथ मराठी फिल्म इंडस्ट्री में एक छाप छोड़ी।
कई सालों से एक्टिंग फील्ड से दूर थे कुलकर्णी
भालचंद्र कुलकर्णी (Bhalchandra Kulkarni) ने अपने करियर के पिछले चार-पांच दशकों में ‘असला नवरा नाको गन बाई’, ‘पिंजरा’, ‘बॉम्बे चा जवाई’, ‘सोंगद्या’, ‘थिरथरत’, ‘पहरक’ जैसी कई फिल्मों में दमदार भूमिकाएं निभाई। भालचंद्र कुलकर्णी को उनकी सहायक भूमिका के लिए जाना जाता है। बताया गया है कि पिछले कई सालों से वह एक्टिंग फील्ड से दूर थे। कुछ महीने पहले उन्हें ब्रांड कोल्हापुर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (Brand Kolhapur Lifetime Achievement Award) से सम्मानित किया गया था।