कविता : अभिमान शोभा नहीं देता है,

ज़िन्दगी का तराना कभी भी अपना स्वरूप बदल देता है, इसलिए हमें किसी तरह का अभिमान शोभा नहीं देता है। जब सफलता बुलंदियों पर पहुँचा देती है, अच्छी बात है, उसके बाद गुनाह करना तो, इंसान का बहुत बड़ा पाप है। सारे विवाद खत्म करने के लिये आसान प्रक्रिया अपनानी चाहिए, हमारी गलती नही भी … Continue reading कविता : अभिमान शोभा नहीं देता है,