कविता : सीमा का प्रहरी, वह सबका रक्षक
सबसे बेहतर रंग की तलाश में, काले, सफ़ेद कोट हमने पहना, जय होवे अधिवक्ता साहब की, जय होवे चिकित्सक साहब की। उसके जजबात की कोई कद्र नहीं, उस सैनिक को तो होता है मरना, जिसने थी ओजी, चितक़बरी वर्दी, युवापन से पूरी जवानी भर पहना। कविता : औषधि होता है सबकी मदद करना देश की … Continue reading कविता : सीमा का प्रहरी, वह सबका रक्षक
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