भोपाल। मध्यप्रदेश की मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम वार्षिक बजट आज विधानसभा में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सदन में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक बजट पेश करेंगे। राज्य में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव हैं। इस तरह यह मौजूदा सरकार का अंतिम बजट है। इसके पहले कल बजट पेश करने के एक दिन पहले मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण (2022-23) विधानसभा में जारी किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने इस सर्वेक्षण के संदर्भ में विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आए आंकड़े बताते हैं कि राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। कर संग्रहण भी बढ़ रहा है।
गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायक
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में हंगामा किया। विधानसभा में कांग्रेस के कुछ विधायक गैस के सिलेंडर लेकर पहुंचे। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने कहा कि रसोई गैस के दाम फिर बढ़ा दिए गए हैं। सरकार बजट में वैट की दर कम करके जनता को राहत देनी चाहिए। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें मुख्य द्वार पर रोक दिया।
कैबिनेट ने दी बजट भाषण को मंजूरी
इससे पहले विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें बजट भाषण का अनुमोदन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा (कैलाश) समिति कक्ष क्रमांक एक में मंत्री परिषद की बैठक वंदेमातरम गान के साथ आरंभ हुई। चूंकि यह चुनावी वर्ष है, लिहाजा राज्य सरकार इस बजट में कई लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर सकती है। इसके अलावा लाड़ली बहना, प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण, नलजल योजना सहित बड़े वर्ग को प्रभावित करने वाली अन्य योजनाओं के लिए भी बजट का प्रविधान किया जाएगा। इस बार का बजट लगभग 3.20 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है।
स्टांप ड्यूटी में राहत की आस…
मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लगता है। स्टांप ड्यूटी भी यहां अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा चुकानी पड़ती है। पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकार अपने हिस्से का टैक्स कम करे तो जनता के लिए राहत की बात हो सकती है। सरकारी कर्मचारियों की निगाहें भी बजट की ओर लगी हैं। वित्त मंत्री के पिटारे से इनके लिए क्या निकलता है, ये देखने वाली बात होगी।
सत्र में कई विधेयक आएंगे…
बताया गया है कि 27 फरवरी से करीब एक महीने तक चलने वाले इस बजट सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें सबसे ज्यादा वित्त विभाग के तीन, नगरीय विकास विभाग के दो जबकि उद्योग व निवेश, शिक्षा और माइक्रो, स्मॉल एंड मीडिया इंडस्ट्री के 1-1 विधेयक शामिल हैं। अंतरिम बजट होने की वजह से सरकार का इस सत्र को उपयोगी बनाने पर खासा जोर है। इसके लिए विपक्षी पार्टियों से सदन की कार्यवाही सुचारू चलाने की अपील भी की जा चुकी है। ताकि सत्र की बैठकें हंगामे, शोर-शराबे और नारेबाजी की भेंट न चढ़ जाए। (इनपुट-वार्ता/गूगल)