मथुरा में लट्‌ठमार होली आज से शुरू…

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता


हर साल लट्‌ठमार होली देखने के लिए दुनियाभर से लोग बरसाना आते हैं। फाल्गुन मास की शुक्ल की नवमी तिथि को बरसाने में लट्ठमार होली खेली जाती है। फाल्गुन के महीने होली का त्योहार देश-विदेश में धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन रंगों की होली से पहले ब्रजवासियों के होली मनाने का अपना अलग ही अंदाज है। यहां कहीं फूल की होली, कहीं रंग-गुलाल, कहीं लड्डू तो कहीं लट्‌ठमार होली खेलने की परंपरा है। हर साल लट्‌ठमार होली देखने के लिए दुनियाभर से लोग बरसाना आते हैं। ये होली राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मथुरा के बरसाने में लट्ठमार होली खेली जाती है और दशमी तिथि को नंदगांव में इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है।

लट्‌ठमार होली 2023 कब ?

ब्रज में इस साल लट्‌ठमार होली 28 फरवरी 2023 को खेली जाएगी। विश्व प्रसिद्ध लट्‌ठमार होली खास मस्ती भरी होती है क्योंकि इसे कृष्ण और राधा के प्रेम से जोड़कर देखा जाता है। इस होली में खास तरह के रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। ये रंग-गुलाल टेसू के फूल से बने होते हैं।

लट्ठमार होली का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार द्वापरयुग में नंदगांव के नटखट कन्हैया अपने ग्वालों के साथ बरसाने की राधा रानी और अन्य गोपियों के साथ होली खेलने और उन्हें सताने के लिए बरसाना जाते थे। हंसी ठिठोली करते कान्हा को सबक सिखाने के लिए  राधा रानी छड़ी लेकर कान्हा और उनके ग्वालों के पीछे भागती हैं और छड़ी मारती थीं। इसी परंपरा को निभाते हुए हर साल फाल्गुन माह में बरसाने की महिलाएं और नंदगांव के पुरुष लट्‌ठमार होली खेलते हैं। नंदगांव के पुरुष कमर पर फेंटा बांधकर कान्हा की ढाल के साथ और महिलाएं राधा रानी की भूमिका निभाते हुए लाठियों के साथ हुरियारों संग रंगीली होली खेलते हैं।

कैसे खेली जाती है लट्‌ठमार होली ?

नंदगांव की टोलियां रंग, गुलाल लेकर महिलाओं संग होली खेलने बरसाना पहुंचते हैं। इस होली में गोपियां हुरयारों का लट्ठ और गुलाल दोनों से स्वागत करती हैं। महिलाएं उन पर खूब लाठियां बरसाती हैं। वहीं पुरुष ढाल की मदद से लाठियों से बचने का प्रयास करते हैं। लट्ठमार होली खेलते समय हुरियारे और हुरियारन रसिया गाकर नाचते हैं और उत्सव मनाते हैं। अगले दिन नंदगांव में भी यही आयोजन किया जाता है। कहते हैं कि इस परंपरा की शुरुआत पांच हजार साल से भी पहले हुई थी।


ज्योतिषी और हस्तरेखाविद/ सम्पर्क करने के लिए मो. 9611312076 पर कॉल करें,


 

Religion

क्या आप जानते हैं नवांश कुण्डली का महत्व और प्रभाव, यदि नहीं तो यह लेख जरूर पढ़ें…

देव नवांश, नर नवांश और राक्षस नवांश के नाम से जाने जाते हैं नवमांश यदि ग्रह अच्छी स्थिति या उच्च के हों तो वर्गोत्तम की स्थिति होती है उत्पन्न -राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद वैदिक ज्योतिष में नवमांश कुण्डली को कुण्डली का पूरक माना गया है। यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कुण्डली मानी जाती है क्योंकि […]

Read More
Religion

चल रहा है बहुत ही पुण्य मास, करें केवल दो छोटे उपाय और पायें सुख, शांति और स्थिर लक्ष्मी

पापरूपी ईंधन को अग्नि की भाँति जलाने वाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यानी चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है वैशाख मास, जानें इसका महात्म्य पं. उमाशंकर मिश्र ‘शास्त्री’ वैशाख मासः पद्म पुराण के अनुसार इस मास में भक्तिपूर्वक किये गये दान, जप, हवन, स्नान आदि शुभ कर्मों का पुण्य अक्षय […]

Read More
Religion

क्या है हनुमान् और बजरंगबली का वास्तविक अर्थ, जानें व्याकरण की भाषा में

कमलेश कमल व्याकरणिक दृष्टि से देखें, तो ‘हनुमत्’ से ‘हनुमान्’ शब्द की निर्मिति है। जैसे ‘धीमत्’ से ‘धीमान्'(बुद्धिमान्), ‘विद्वत्’ से ‘विद्वान्’; उसी तरह ‘हनुमत्’ से ‘हनुमान्’। अब इस ‘हनुमान्’ शब्द को देखें, तो ‘हनु’ और ‘मान्’ दो शब्द मिलते हैं। चूँकि कोई दो वर्ण नहीं मिल रहे हैं और न ही कोई विकार उत्पन्न हो […]

Read More