युवाओं में बढ़ रही नशे की लत, अंतरराष्ट्रीय साजिश : यतीन्द्र

अकेलापन युवाओं को बना रहा नशे का आदी : पवन कुमार

मोबाइल व सोशल मीडिया भी अन्य नशे की तरह घातक: डॉ. विनोद जैन


लखनऊ। परिवार और समाज में शिक्षा व जागरुकता के अभाव के कारण युवा नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं, यह देश के लिए बड़ी समस्या है। अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत भारत को बर्बाद करने के लिए यहां के युवाओं को नशा करने के लिए तमाम प्रकार के प्रलोभन दिए जा रहे है। हमारी सरकार को इसके लिए कठिन कदम उठाना होगा, ताकि इस षडयंत्र को रोका जा सके।  उक्त उद्गार कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र ने मंगलवार को विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार विभाग, यूनाइट फाउण्डेशन और अभ्युदय भारत ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में समाज एवं बच्चों को नशा मुक्त बनाने के लिए तेजस्वी भव अभियान के तहत परिचर्चा के तीसरे अंक में व्यक्त किए।

मुख्य वक्ता समाज कल्याण विभाग के निदेशक पवन कुमार (IAS) ने कहा कि देश का युवा नशे की तरफ बढ़ रहा है। इस बात को हम सभी को समझना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम डिजिटल क्रांति की तरफ बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे हमारी युवा पीढ़ी के अंदर अकेलापन तेजी से बढ़ रहा है। बच्चे अपना डिप्रशेन व अकेलापन दूर करने के लिए नशे के आदी हो जाते हैं। इसके लिए माता-पिता व परिवार के सदस्यों को अपने बच्चों को अधिक से अधिक समय देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज कल की भाग दौड़ की जिंदगी व जीवन शैली के बदलाव के कारण युवाओं में तमाम प्रकार के मानसिक तनाव होते हैं, इन्ही तनाव को दूर करने के लिए वह नशे का सहारा लेते है।

इसके लिए हमें अपनी सनानत परम्परा व पुन: अपनाना होगा व अपनी जीवन शैली को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव करने की जरूरत है, हमें संस्कारयुक्त युवा पीढ़ी को तैयार करना है जो समाज व देश के हित में काम करे। विद्या भारती इसी लक्ष्य को लेकर एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर रही है। विशिष्ट अतिथि KGMU के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद जैन ने कहा कि वर्तमान समय में शराब व नशीली चीजों के अलावा मोबाइल फोन और सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग भी एक समस्या के रूप में तेजी से उभर रहा है। नशा कोई भी हो, वह शरीर के लिए हानिकारक है, इसे अभिभावकों समझना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल के ज्यादा उपयोग से न केवल हमारी आंखें खराब होती हैं, बल्कि नींद न आने, याददाश्त कमजोर होने जैसे दुष्प्रभाव भी होते हैं। अभिभावकों की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों में आ रहे व्यावहारिक परिवर्तनों को समझते हुए उन्हें प्रेम पूर्वक उनकी समस्याओं को सुने। साथ ही अभिभावक अपने अच्छे आचरण से बच्चों के लिए आदर्श बनें और उन्हें सही-गलत का बोध कराएं।

ये भी पढ़ें

नशे के लिए अब कंडोम उबाल कर पी रहे युवा

विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र ने कहा कि युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना परिवार, समाज व शिक्षकों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल अच्छे अंक लाना व धन कमाना नहीं है, अपितु इसका मूल उद्देश्य ज्ञान अर्जन, संस्कार व जीवन जीने की कला को सिखाना होता है। माता-पिता व शिक्षकों  को चाहिए कि वह अपने बच्चों पर अपनी अपेक्षाएं न थोपें, बल्कि उसको अपनी रूचि के अनुसार विकल्प चुनने का अवसर दें। उन्होंने कहा कि जैसा माता-पिता का आचरण, घर का माहौल, रहन-सहन व वेश भूषा होगी, वैसे ही बच्चों का आचरण विकसित होगा। विद्या भारती अपने विद्यालयों में सनातन परम्परा को लेकर शिक्षा दे रही है। परिवार में सामूहिकता बनाने के लिए परिवार प्रबोधन का कार्य कर रही है। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे हैं।

Central UP Purvanchal Raj Dharm UP Uttar Pradesh

बिजली कर्मियों के उत्पीड़न के विरोध में राज्य सरकार व निगमों के कर्मचारी 24 मार्च को करेंगे विशाल रैली

रैली में आन्दोलन के अगले चरण का ऐलान होगा लखनऊ। राज्य सरकार के विभागों, निगमों, निकायों के कर्मचारी महासंघों और कर्मचारी संयुक्त परिषदों के तत्वाधान में 24 मार्च को राजधानी, लखनऊ में सरोजिनी नायडू पार्क के पास बी.एन. सिंह प्रतिमा स्थल पर कर्मचारियों का विशाल प्रदर्शन एवं रैली होगी। रैली बिजली कर्मचारियों की हाल में […]

Read More
Central UP Religion

मां चन्द्रघण्टा की पूजा से होती है हर कामना पूर्ण: आचार्य शिव मोहन महराज

बाराबंकी। आचार्य शिव मोहन महराज अपने भक्त गणों से कहते हैं कि नवरात्रि के तीसरे दिन माता चन्द्रघण्टा की पूजा की जाती हैं। माता चन्द्रघण्टा का स्वरूप परम शान्तिदायक और कल्याण कारी है इस लिए कहा जाता है। हमे पवित्र विग्रह को ध्यान में रख कर साधना करनी चाहिए। देवी का ध्यान हमारे इहलोक और […]

Read More
Central UP

भारतीय हिंदी परिषद कार्यकारिणी का गठन

लखनऊ। भारतीय हिंदी परिषद प्रयागराज के कवयित्री वहीजा बाई उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय जलगांव महाराष्ट्र में दिनांक 19-20 मार्च को आयोजित 46वें अधिवेशन में लखनऊ विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. पवन अग्रवाल भारतीय हिंदी परिषद के सभापति निर्वाचित किए गए हैं। भारतीय हिंदी परिषद की स्थापना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ धीरेंद्र वर्मा […]

Read More