खालिस्तान की धमकी दोबारा !

के. विक्रम राव
के. विक्रम राव

आतंकी अमृतपाल सिंह पंजाब में खुल्ला छुट्टा घूम रहा है। बेखौफ़ ! आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान अपनी “मौज” में रहते हैं। सरदार जैल सिंह ने (1984 में) ठीक ऐसा ही किया था। तब प्रकाश सिंह बादल की अकाली पार्टी को खत्म करने के मकसद से राष्ट्रपति बने इस सरदार ने क्षुद्र पार्टी (कांग्रेसी) लाभ हेतु शुतुरमुर्गी नीति अपनाई थी। आतंकी भिंडेरवाले जैसे भस्मासुर को पोसा था। गत सप्ताह खूंखार दहशतगर्द अमृतपाल ने कह भी दिया : “मोदी और अमित शाह हमसे न टकरायें। उनका भी हश्र इंदिरा गांधी जैसा होगा।”

इसीलिए सचेत किया जूलियस रिबेरो ने। उन्होने कहा कि : “अमृतपाल पर काबू पाने में नाकाम रहने वाली सरकार और पुलिस ने बेहतरीन मौका गंवा दिया।” बीती 23 फरवरी को अजनाला में अमृतपाल सिंह और खालिस्तानी समर्थकों ने साथी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन को हजारों की संख्या में घेर लिया था। इस घटना के दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। रिबेरो ने कहा कि यह घटना पुलिस के मनोबल को कुचल देगी। यह राजनीतिक नेतृत्व के लिए भी भविष्य में एक कठिन चुनौती बन सकती है। कट्टरपंथियों की मांगों के आगे झुकना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। उस (लवप्रीत) को छोड़ देने से वह जनता के लिए एक खतरनाक शख्सियत बन गया है। रिबेरो पंजाब के डीजीपी (1980) थे। बंबई के पुलिस आयुक्त भी रहे।

तो जरनैल सिंह भिंडरवाला का यह नया अवतार अमृतपाल कौन है ? पंजाब के अमृतसर जिले में जल्लूपुर खेड़ा में साल 1993 में अमृतपाल का जन्म हुआ था। बीच में वह पढ़ाई छोडकर 2012 में दुबई चला गया। ट्रांसपोर्ट बिजनेस का काम करने लगा। मोगा जिले के रोडे गांव में अमृतपाल अपने को “वारिस पंजाब दे” का प्रमुख घोषित कर दिया। दरअसल आतंकी भिंडरांवाला इसी रोडे गांव का रहने वाला था। खालिस्तान समर्थक होने की वजह से अमृतपाल सिंह को भिंडरांवाला पार्ट-2 भी कहा जा रहा है। भिंडरांवाले की तरह ही वह नीली पगड़ी पहनता है। वह कहता है : “भिंडरांवाले मेरी प्रेरणा हैं। मैं उनके बताए रास्ते पर चलूंगा। मैं उनके जैसा बनना चाहता हूं क्योंकि ऐसा हर एक सिख चाहता है। मैं पंथ की आजादी चाहता हूं।”

अमृतपाल पिछले पांच सालों से सिखों से संबंधित मुद्दों पर मुखर होकर बोल रहा है। वह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का भी हिस्सा बना, खासकर दीप सिद्धू से जुड़े आंदोलन का। उसका कहना है कि कृषि कानून हों, पंजाब में पानी का संकट हो, नशीली दवाओं का संकट हो, यूपी और बिहार से लोगों का पंजाब में पलायन हो, राजनीतिक असंतुष्टों की गिरफ्तारी हो, पंजाबी भाषा को कमजोर करना हो, ये सभी सिखों के मूक नरसंहार का हिस्सा हैं। अमृतपाल के आलोचकों का कहना है कि वह जरनैल सिंह भिंडरांवाले की तरह अपने भाषण से युवाओं को उग्रवाद की ओर ले जा सकता है। ऐसे रास्ते पर ले जा सकता है जहां युवाओं को गिरफ्तार किया जा सकता है या मार दिया जा सकता है। वह हिंदू विरोध की बात करता है।

अमृतपाल सिंह ने सबको चौंका दिया यह कहकर कि वह खुद को भारतीय नहीं मानता है। भारतीय पासपोर्ट एक दस्तावेज है और इससे वह भारतीय नहीं बन जाता। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब केंद्रीय एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं। पूर्व काबीना मंत्री और भाजपा नेता लक्ष्मीकांत चावला ने पूछा कि जब अमृतपाल कहता है कि वह भारतीय नहीं है तो उसे पंजाब में रहने कैसे दिया जा रहा है ? इस बीच अमृतपाल ने लुधियाना से सांसद सरदार रवनीत सिंह बिट्टू को हत्या की धमकी दी है। रवनीत ने इस “भिंडरवाला द्वितीय” को संभल जाने की सलाह दी है। वे बेअंत सिंह के पोते हैं। इस कांग्रेसी मुख्यमंत्री को खलिस्तानियों ने मार डाला था। चार दशक बाद पाकिस्तान आईएसआई की शह पर खालिस्तानी उग्रवाद फिर पनपाया जा रहा है। अमृतपाल हिंसा की खुलेआम वकालत करता है। मदांध होकर वह बोला कि : “ईशा मसीह ने किस का बचाव किया ? वह भी तो अहिंसा की बात करते थे। उन्हे ईश्वर कहा जाता है। क्या यीशु कभी ईसाईयों को अत्याचार से बचा पायें ?” इस पर पंजाब ईसाई संगठन के अध्यक्ष हामिद मसीह ने विरोध जताया। उन्होंने अमृतपाल के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने पर पुरजोर मांग की। ईसाई लोगो ने डीजीपी तथा मुख्य सचिव को भी ज्ञापन भी दिया है।

पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री और अब भाजपा नेता पटियाला के महाराजा रहे कप्तान अमरिंदर सिंह ने मोदी सरकार से इस खालिस्तानी के विरुद्ध कड़े कदम की मांग की है। पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस खालिस्तानी के समक्ष घुटने टेक दिए हैं। अमृतपाल को खालिस्तान समर्थकों को पाकिस्तान और अन्य देशों से आर्थिक मदद मिल रही है। गत दिनों मिली रपट के अनुसार खालिस्तान-समर्थक अमृतपाल और उसके समर्थकों द्वारा अमृतसर के अजनाला में थाने पर हमला और पुलिस को धमकाकर साथी को रिहा कराने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अमृतपाल की गतिविधियों को लेकर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी सरकार को सतर्क किया था।

Analysis

नार्वे के दो शिक्षा मंत्री द्वारा गुनाह, साहित्य चोरी के लिए हटाये गए !!

के विक्रम राव संपन्न उत्तरी यूरोप राष्ट्र नार्वे, एक विकसित राजतंत्र की गत दिनों बड़ी वैश्विक फजीहत हुई। सरकार की दो मंत्री श्रीमती सांद्रा बोर्स जो रिसर्च और उच्च शिक्षा विभाग संभालती हैं, तथा स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती इंगविल्ड क्जेर्कोल को बेशर्मी से पदत्याग करना पड़ा। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने अपनी थीसिस के लिए […]

Read More
Analysis

कच्छतिवु पर मोदी के तीव्र तेवर ! तमिल वोटर भी प्रभावित !!

  संसदीय निर्वाचन के दौरान सूनसान दक्षिणी द्वीप कच्छ्तिवु भी सुनामी की भांति खबरों में उमड़ पड़ा है। आखिरी बैलेट पर्चा मतपेटी में गिरा कि यह विवाद भी तिरोभूत हो जाता है। चार-पांच सालों के लिए। क्या है यह भैंसासुररूपी रक्तबीज दानव जैसा विवाद ? अठारहवीं लोकसभा निर्वाचन में यह मात्र दो वर्ग किलोमीटर वाला […]

Read More
Analysis

बिना बिहार जीते दिल्ली में परचम फहराना बीजेपी और मोदी के लिए मुश्किल

इस बार जदयू, लोजपा, हम और रालोम के साथ राजद को धूल चटाने को तैयार भाजपा बिहार में 1984 के चुनाव में खिलने से पहले ही मुरझा गया था भाजपा का ‘कमल’ पटना। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (JDU) एक बार फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ है। NDA […]

Read More