
करोड़ों की लागत से बनी गई वीडियो वॉल!
लखनऊ। चित्रकूट जेल में माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी और उनकी पत्नी निकहत की जेल में मनमाने तरीके से मुलाकात का खेल चलता रहा। जेल मुख्यालय के आला अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। ऐसा तब हुआ जब जेल मुख्यालय में जेलों की निगरानी के लिए वीडियो वॉल बनाई गई है। जेलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वीडियो वॉल रूम में अधिकारी और सुरक्षाकर्मी की तैनाती भी रहती है। इसके बावजूद इस घटना की जानकारी न हो पाना जेल अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। चर्चा है कि कमीशन की खातिर वीडियो वॉल तो लगवा दी गई। विभाग को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
करीब दो साल पहले प्रदेश की जेलों पर निगरानी रखने के लिए कारागार मुख्यालय में करोड़ो रुपए की लागत से वीडियो वॉल का निर्माण कराया गया। विभागीय जानकारों के मुताबिक वीडियो वॉल का निर्माण इस उददेश्य को लेकर कराया गया था कि जेल मुख्यालय से प्रदेश की प्रत्येक जेल की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। करोड़ों रुपए की लागत से तैयार की गई इस वीडियो वॉल का मुख्यालय को कोई लाभ मिलता दिखाई नहीं पड़ रहा है। चित्रकूट की रगौली जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी जेल प्रशासन के अधिकारियों से सांठगाठ करके जेल के अंदर पत्नी निकहत से घंटो मुलाकात कर रहा था। इसकी भनक जेल मुख्यालय के किसी भी अधिकारी को नहीं लग पाई।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले रायबरेली जेल से दो बंदियों की फरारी के मामले में भी वीडियो वॉल का जेल मुख्यालय को कोई लाभ नहीं मिल पाया था। जेल मुख्यालय के अफसरों का तर्क था कि जेल के जिस स्थान से बंदी फरार हुए थे। उस स्थान पर लगे सीसीटीवी खराब होने की वजह से इसकी जानकारी नहीं हो पाई। इसके साथ ही राजधानी के आदर्श कारागार से दो खुंखार कैदियों की फरारी के मामले में भी जेल प्रशासन को वीडियो वॉल का कोई लाभ नहीं मिला था।
घटना के बाद होती पड़ताल!
चित्रकूट जेल में अनाधिकृत तरीके से हो रही मुलाकात की घटना के संबंध में जब कारागार विभाग के मुखिया डीजी पुलिस/ आईजी जेल आनंद कुमार से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया। उधर मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेल मुख्यालय में वीडियो वॉल का निर्माण जेल पर निगरानी के लिए कराया गया है। उन्होंने कहा कि घटना के बाबत कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।