
मंगल सेनापति स्वभाव का है। शुभ हो तो साहसी, शस्त्रधारी व सैन्य अधिकारी बनता है या किसी कंपनी में लीडर या फिर श्रेष्ठ नेता। मंगल अच्छाई पर चलने वाला है ग्रह है किंतु मंगल को बुराई की ओर जाने की प्रेरणा मिलती है, तो यह पीछे नहीं हटता और यही उसके अशुभ होने का कारण है। सूर्य और बुध मिलकर शुभ मंगल बन जाते हैं। 10वें भाव में मंगल का होना अच्छा माना गया है। नेत्र रोग। उच्च रक्तचाप। वात रोग। गठिया रोग। फोड़े-फुंसी होते हैं। जख्मी या चोट। बार-बार बुखार आता रहता है। शरीर में कंपन होता रहता है। गुर्दे में पथरी हो जाती है। आदमी की शारीरिक ताकत कम हो जाती है। एक आंख से दिखना बंद हो सकता है शरीर के जोड़ काम नहीं करते हैं। मंगल से रक्त संबंधी बीमारी होती है। रक्त की कमी या अशुद्धि हो जाती है। बच्चे पैदा करने में तकलीफ। हो भी जाते हैं तो बच्चे जन्म होकर मर जाते हैं।
मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा लाल दिखती है, जिस वजह से इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं-स्थलीय ग्रह जिनमें जमीन होती है और गैसीय ग्रह जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है इसका वातावरण विरल है।
इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है। हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स मंगल पर ही स्थित है। साथ ही विशालतम कैन्यन वैलेस मैरीनेरिस भी यहीं पर स्थित है। अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान हैं। मंगल सूर्य ग्रह का चौथा निकटतम ग्रह है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। मंगल ग्रह के वायुमंडल में मुख्यत कार्बन डाई आक्साइड गैस पायी जाती है। मंगल ग्रह की मिट्टी में लोह आक्साइड पाया जाता है जिससे इसका रंग लाल देखता है।
मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी की भ्रांति ॠतुऐं होती है। मंगल ग्रह सौरमंडल का सात वां बड़ा ग्रह है। शुक्र ग्रह के बाद पृथ्वी का निकटतम ग्रह मंगल है। मंगल ग्रह को सूर्य की परिकर्मा करने में 687 दिन लगते हैं। मंगल ग्रह को अपने अक्ष पर घुमने में 25 घन्टे लगते हैं। सूर्य से दूर होने की वजह से मंगल ग्रह पर मौसम की लंबाई पृथ्वी से दोगुनी होती है। यहां का एक साल पृथ्वी के दो साल के बराबर होता है। सूर्य मंगल ग्रह से पृथ्वी की अपेक्षा आधा दिखता है। पहली मंगल उड़ान 1965 में मेरिनर चार के द्वारा की गयी थी। मंगल के दो चन्द्रमा, फोबोस और डिमोज हैं, जो छोटे और अनियमित आकार के हैं। मंगल दोष को दूर करने के लिए हनुमान जी की अराधना करनी चाहिए। मंगलवार को मंदिर में प्रशाद चढ़ाना चाहिए, हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुख दूर होते हैं। मंगलवार को हनुमानजी को उनका चोला चढ़ा सकते हैं और सिंदूर का भी लेप कर सकते हैं।