शरीर के यह अंग बताते हैं कि आप धनवान और महान बनेंगे

समुद्रशास्त्र में बताया गया है कि शरीर के कुछ अंगों की बनावट को देखकर यह जाना जा सकता है कि व्यक्ति खूब धनवान और महान व्यक्ति होगा। शरीर के कुछ अंगों को देखकर यह भी जाना जा सकता है कि व्यक्ति सरकारी क्षेत्र में बड़ा अधिकारी या प्रशासक हो सकता है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार जिस व्यक्ति की तर्जनी उंगली यानी अंगूठे के बाद वाली उंगली बीच वाली उंगली से बड़ी हो तो व्यक्ति प्रशासक बनता है। ऎसा व्यक्ति सामान्य स्थिति में कभी नहीं रहता। सामान्य परिवार में जन्म लेने पर भी महान व्यक्ति बनता है। इसके उदाहरण हैं नेपोलियन और लिंकन।

हथेली की सबसे छोटी उंगली जिसे कनिष्ठा उंगली कहते हैं यह अगर लंबी हो और अनामिका उंगली के उपरी पोर तक पहुंच जाए तो बड़ा ही सौभाग्यशाली होता है। जिकी कनिष्ठा उंगली ऎसी होती है वह बहुत ही बुद्धिमान और कुशल प्रशासक होते हैं। ऎसे व्यक्ति जीवन में खूब धन और प्रशंसा प्राप्त करते हैं। जिनकी कनिष्ठा उंगली छोटी होती है वह जीवन में बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाते हैं।

जिस व्यक्ति के मस्तिष्क पर चन्द्रमा का चिन्ह बनता है वह बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। ऎसे व्यक्ति बहुत ही बुद्धिमान होते हैं। पढ़ने लिखने में यह काफी होशियार होते हैं। यह अपने ज्ञान और विद्या से जीवन में सम्मान और धनवान बनते हैं। समुद्रशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की भुजाएं लंबी होती हैं और हाथ घुटने तक पहुंच जाती है वह महान व्यक्ति होता है। ऎसा व्यक्ति जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल करता है और समाज में पूजनीय होता है। इसका उदाहरण महात्मा गांधी हैं।

Religion

महाअष्टमी और महानवमी को करें ऐसे आसान उपाय, जीवन में जीत के सभी मंत्र मिलेंगे यहां

केवल यह छोटी सी पूजा और उपाय बना देगा आपके जीवन को सुखमय, शांतिमय और लक्ष्मीमय डॉ. उमाशंकर मिश्र ‘शास्त्री’ लखनऊ। ज्योतिष शास्त्र में अष्टमी और नवमी की पूजा की विधि थोड़ी सी अलग है। कहा जाता है कि मां महागौरी की पूजा से मिलती है मन की शांति। नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी […]

Read More
Religion

नवरात्रि विशेष: दंडकारण्य में नौ ऋषि करते रहे हैं देवियों की उपासना, महानदी किनारे आज भी मौजूद हैं इनके आश्रम

हेमंत कश्यप/जगदलपुर बस्तर का पुराना नाम दंडकारण्य है और किसी जमाने में यहां एक दो नहीं पूरे नौ महान ऋषि आश्रम बना कर देवी आराधना करते थे। उनके आश्रम आज भी मौजूद है किंतु जानकारी के अभाव में जन सामान्य इन ऋषियों की तपोस्थली नहीं देख पा रहे हैं। दंडकारण्य क्षेत्र पहले काफी बड़ा था, […]

Read More
Religion

‘दुर्गा’ शब्द का अर्थ है ‘अपराजेय’ यानी जीवन में कभी न हारने के लिए करें ये व्रत

जानें कैसे होगी चैत्र दुर्गा अष्टमी व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व राजेंद्र गुप्ता जयपुर। दुर्गा अष्टमी व्रत देवी शक्ति (देवी दुर्गा) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है। मासिक दुर्गा अष्टमी एक मासिक कार्यक्रम है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (8वें दिन) को मनाया […]

Read More