आज से गुप्त नवरात्रि, इस तरह करें साधना तो हो जाएंगी मनोकामना पूर्ण, दुश्मन भी होगा नतमस्तक

  • जानें क्या होता है विशेष और क्यों साधकों के लिए होता है यह अमृत पर्व #AmrutParv
  • धन प्राप्ति और शत्रुओं को वश में करने के लिए उत्तम साबित होती है गुप्त नवरात्रि

डॉ. उमाशंकर मिश्र ‘शास्त्री’

लखनऊ। माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ गुप्त नवरात्रि होती है, जिसकी शुरुआत 22 जनवरी से होने जा रही हैl बताते चलें कि एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं, जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियों के बारे में आपको पता है पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैंl पुराणों के अनुसार गुप्‍त नवरात्रि के दिनों में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमल का फूल अर्पित करना चाहिए। गुप्‍त नवरात्रि में धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए चांदी या सोने का सिक्‍का घर पर लाने से बरकत आती है। अगर आप या आपका कोई परिचित बीमारी से परेशान है तो गुप्‍त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा #MaaDurga को लाल रंग के पुष्‍प अर्पित करें।

शत्रु को मित्र बनाने के लिए

नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है। #Navratir (नवरात्रि) में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ (Hum) अथवा ‘अं रां अं’ (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l

माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग

जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें : “अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले ” भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओं-बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता हैl

इसके अलावा ” ॐ ह्रीं गौरये नमः ” मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करेंl गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l

श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु उपाय

प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है। मंत्र ध्यान से पढ़ें

“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह्”

विद्यार्थियों के लिए खास लाभदायी होता है यह पर्व

प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें। इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती हैl बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें। जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें। अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लेंl

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