चीनी मिलों के तकनीकी बजट आवंटन में करोड़ों का खेल

प्रधान प्रबंधक क्रय तथा तकनीकी का प्रभार एक अधिकारी के पास

अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास के आदेशों की उड़ाई धज्जियाँ


राकेश यादव


लखनऊ। मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियाँ कैसे उड़ाई जाती है यह सच प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ में आसानी से देखने को मिल जाएगा। मामला चाहे नियुक्तियों की जांच हो या फिर चाहे चीनी बिक्री घोटाला,चीनी एक्सपोर्ट घोटाला, चाहे भ्रस्टाचार में लिप्त सेवानिवृत्त अधिकारियों को संविदा पर रखकर चीनी तथा शीरा विक्रय कराने का कार्य, चीनी मिलों के अपग्रेडेशन का घोटाला,चारे जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के नाम पर डिस्टिलरीज में हुआ घोटाला हो या फिर नई चीनी मिल परियोजना में हुआ घोटाला हो, आज तक किसी भी प्रकरण की सही जांच नहीं होने के कारण सारे घोटाले चीनी मिल संघ में दबे हुए हैं । संघ के अधिकारी सरकार की नीतियों की धज्जियाँ उड़ाते हुये अपनी जेबे भरने में लगे हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि ताजा घोटाला केंद्रीय क्रय पद्धति के अंतर्गत सभी सहकारी चीनी मिलों की मरम्मत के लिये खरीदे जाने वाले सामानों की खरीद फरोख्त में हुए गोलमाल का प्रकाश में आया है। जिसमें विगत कई वर्षों से प्रधान प्रबंधक क्रय व तकनीकी के दोनों पदों पर जमे प्रधान प्रबंधक के पार्टियों से सांठगांठ करके कई इंजीनियरिंग सामानों की दरें तय करने में करके एक और जहां करोड़ों रुपये का नुकसान चीनी मिल संघ को पहुंचाया है वहीं सप्लायर्स से मोटी कमीशन लेकर अपनी जेबे भरने में जुटे हैं।

सूत्र बताते है कि प्रधान प्रबंधक क्रय व तकनीकी विनोद कुमार अपने भ्रष्ट कला कौशल के आधार पर सभी प्रबंध निदेशक के चहेते अधिकारी रहे है। दोनों महत्वपूर्ण पद का प्रभार होने के कारण ई टेन्डर में इतनी सफाई से तकनीकी शर्तों में मनमाने तरीके से सप्लायर्स से सांठगांठ करके परिवर्तन किए कि किसी अन्य अधिकारी को इसकी कोई जानकारी नहीं हो। टेन्डर में सीवीसी के दिशा निर्देशों के विपरीत कई इंजीनियरिंग सामानों में एल-एक के साथ साथ एल-दो, एल-तीन के साथ साथ सभी सप्लायर्स को विभिन्न विभिन्न उनकी प्राइस लिस्ट पर डिस्काउंट दिखाकर दर संविदा जारी कर दी। इन आइटम में प्रमुख रूप से मिलों में भारी मात्रा में उपयोग होने वाले वेलडिग इलेक्ट्रोड, इलेक्ट्रिक आइटम, पम्प, मिलों में उपयोग होने वाली बियरिंग आदि है। इसका परिणाम यह हुआ कि मिलों द्वारा मनमाने तरीके से मँहगे सामानों को क्रय किया जिससे आवंटित बजट में वृद्धि हुई तथा मिलों को घाटा उठाना पड़ा।

प्रधान प्रबंधक क्रय ने पम्प की दर संविदा में 2014 में ब्लैक लिस्ट हुई मेरठ की पार्टी अम्बा प्रसाद जैन 2018 में पुनः अम्बा के मेक को ई टेंडर मे शामिल करके दर संविदा जारी करा दी। जब की यह पार्टी केवल सहकारी चीनी मिलों को ही निम्न गुणवत्ता के पम्प सप्लाई करती हैं। निजी चीनी मिलों में अम्बा मेक के पम्प कोई नहीं खरीदता है इस तथ्य की जानकारी किसी भी निजी चीनी मिलों से की जा सकती हैं। यही नहीं उन्होंने अपने चहेते सजातीय मेरठ के ही पम्प सप्लायर्स अम्बा प्रसाद जैन को हर साल एक करोड़ से ऊपर के निम्न गुणवत्ता के पंपों को का बिजनैस दिलाकर लाखो रुपये कमिशन वसूल किया। इसी प्रकार इलेक्ट्रिक सामानों मे भी एल एंड टी तथा सीमेंस कंपनी को ई टेन्डर में ना बुलाकर दिल्ली की अपनी चहेती पार्टी जेड कंट्रोल को ही तीन टेन्डर पर मनमाने दर पर संविदा जारी कर दी गई।

सूत्र बताते है कि 2017 में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद संजय भूसरेड्डी को गन्ना विभाग तथा चीनी मिलों की कमान सौपी गई थी। उस समय तक चीनी मिल संघ द्वारा अपनी चीनी मिलों की मरम्मत के लिए अलग प्रारूप से वार्षिक तकनीकी बजट आवंटन करता था।  भूसरेड्डी ने विभाग का चार्ज लेने के बाद 2018 से निजी चीनी मिलों की भाँति मिलों के मरम्मत कार्यो के लिए रुपये चार/क्विंटल गन्ने पेराई पर बजट का निर्धारण कर दिया जिसमें बॉयलार तथा टर्बाइन की मरम्मत शामिल नहीं थी। परंतु प्रधान प्रबंधक क्रय ने भूसरेड्डी के बनाये गये तकनीकी बजट के फ़ार्मूला को दर किनारे करके मनचाहे तरीके से रुपये आठ/ से रुपये 12/ प्रति क्विंटल की दर से बजट आवंटन करके मिलों के अधिकारियों से लाखो रुपये कमिशन वसूल कर लिया।

सूत्रों का कहना हैं कि विनोद कुमार ने तकनीकी बजट आवंटन में हेरा फेरी करके जिन मदों का बजट भूसरेड्डी के फार्मूले से रुपये चार प्रति क्विंटल था उसे मिल की आवश्यकता दिखाकर क्रिटिकल आइटम में स्वीकृत कर दिया। यहां तक की समान्य मरम्मत के कई आइटम को तो कैपिटल आइटम दिखाकर स्वीकृत कर दिया जब की वो आइटम वास्तव में कैपिटल के न होकर मरम्मत के बजट के थे। इस प्रकार उन्होंने निजी स्वार्थो की पूर्ति तथा जेबे भरने के लिए तकनीकी मरम्मत के बजट आवंटन में भारी हेराफेरी करने के साथ शासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियाँ भी उड़ाई गई है।

Raj Dharm UP

सनसनी: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के गनर की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप, पुलिस फोर्स मौके पर

ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में बेखौफ बदमाशों का कहर थम नहीं रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाई थी कि असलहों से लैस बदमाशों ने जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिकरारा क्षेत्र […]

Read More
Raj Dharm UP

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

कैदी स्थानांतरण में भी अफसरों ने की जमकर वसूली! बागपत जेल में कैदियों के स्थानांतरण से हुआ बड़ा खुलासा राकेश यादव लखनऊ । डीजी पुलिस/आईजी जेल का आदेश जेल अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि कमाई की खातिर जेल अफसर मुखिया के आदेश को दरकिनार कैदियों को स्थानांतरित करने […]

Read More
National Raj Dharm UP

यूपी के 16 हजार मदरसों से संकट टला

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा शिक्षा अधिनियम पर HC के फैसले पर लगाई रोक लखनऊ। देश की सर्वोच्च अदालत ने ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया गया था। […]

Read More