नौतनवा/महराजगंज। कड़ाके की ठंड में सरकार, स्वयं सेवी संगठन, सामर्थ्यवान लोग और सरकारी संस्थाओं द्वारा कंबल वितरण कार्यक्रम एक समारोह की तरह आयोजित हो रहा है। सरकार के ये कार्यक्रम अमूमन क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा संपन्न कराए जाते हैं जहां सत्ता पक्ष के लोग पार्टी कार्यकर्ताओं से असहायों की सूची बनवाए जाते हैं। चिन्हित असहायों को एक पर्ची दी जाती है। जिसे दिखाने पर वे कंबल पाकर अखबारी भाषा में निहाल हो जाते हैं या उनके चेहरे खिल जाते हैं। कभी कभी कंबल वितरण समारोह में कंबल लेने गए लोगों को निराशा होती है, सरकारी अमला दांत निपोड़ते हुए कहा देता है कि कंबल खत्म हो गया है,बाद में मिलेगा।
ऐसा ही एक मामला नौतनवां में देखने को मिला जहां तहसील परिसर में कंबल की आश में आए महिला और वृद्धों को बिना कंबल के वापस जाना पड़ा। कड़ाके की ठंड में नौतनवा तहसील परिसर में कंबल की आस में आसपास की क्षेत्रों की बुजुर्ग महिलाएं व पुरुष सुबह से ही खड़े रहे। शाम 4:00 बजे के करीब तहसील कार्यालय से एक कर्मचारी बाहर आकर भीड़ लगाए खड़े महिला और बुजुर्गो से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि अभी कंबल नहीं है,आप लोग भीड़ मत लगाइए। कंबल आने पर वितरण किया जाएगा।
ऐसे में कंबल के लिए दूर दराज क्षेत्रों से आये बुजुर्गों ने काफी हो-हल्ला के बाद खाली हाथ वापस चले गए। मजे की बात है कि तहसील परिसर में कंबल वितरण के आयोजन का फरमान किसके ओर से था,यह बताने को को तैयार नहीं है। जनप्रतिनिधियों ने भी ऐसे किसी आयोजन से इन्कार किया है। पता चला है की सरकार की ओर से कंबल वितरण का कार्यक्रम तहसील परिसर में तय था जिसका शुभारंभ किसी पवित्र कर कमलों से होना था। संयोग से तहसील प्रशासन को मौके पर कोई पवित्र कर कमलों नहीं मिला जिस वजह से यह कार्यक्रम टालना पड़ा जिस वजह से कंबल की आश में आए असहायों को चुपचाप वापस जाना पड़ा। इस बाबत एसडीएम डीसी मिश्रा का कहना है कि सुबह में कंबल बांटा गया है। शाम को भी भीड़ जुट गई,कंबल था नहीं इसलिए लोगों को वापस जाना पड़ा।