आजकल टीवी सीरियल, फ़िल्में
और सोसल मीडिया भी अनैतिक
शिक्षा के नैतिक स्कूल बन गये हैं,
कैसे कैसे दृश्य यहाँ परोस रहे हैं।
हिंसा ताण्डव, अशोभनीय संवाद,
अपहरण, बलात्कार,चोरी,डकैती
और न जाने क्या क्या फूहड़पन,
यहाँ देखते हैं बूढ़े, युवा और बचपन।
फ़िज़ूल खर्च, सुगम तलाक़, घरेलू
कलह,अवैध सम्बंध दिखाये जा रहे हैं,
यह सब अनैतिकता के औपचारिक
ट्यूशन यहाँ नि:शुल्क दिये जा रहे हैं।
यह शिक्षा वैध – अवैध तरीक़े से
भारतीय जनमानस के मानस में,
निर्बाध रूप से पहुँचायी जा रही है,
जो समाज को खोखला कर रही है।
विश्व गुरु बनना है तो नैतिकता व
सच्चरित्र की शिक्षा सारे भारत में,
आदित्य फिर से सबको देनी होगी,
मीडिया को ज़िम्मेदारी लेनी होगी।