कविता : मज़बूत टिके रिश्ते भी हार जाते हैं,

अक्सर जमा शेष को यह समझा जाता है कि यह संतुलन बचा है, वास्तव में यह संतुलन नही होता, बल्कि मेहनत से अर्जित होता है। जिसकी सोच में ही आत्मविश्वास की मज़बूती व महक आ जाती हो, इरादा भी पक्का होता हो, हौसला जितना बुलंद, उतना ही मधुर हो! उसकी नियत में सच्चाई होती है, … Continue reading कविता : मज़बूत टिके रिश्ते भी हार जाते हैं,