गोरखपुर को मिला 16वां स्थान, महराजगंज 46वें एवं कुशीनगर 54वें स्थान पर
जिलाधिकारी ने दी समस्त जनपद वासियों को बधाई, कहा और बेहतर करने का होगा प्रयास
देवरिया । जन शिकायतों के निस्तारण में जिला प्रशासन की ओर से की जा रही पहल में जनपद को बड़ी सफलता मिली है। आज जारी दिसंबर माह की एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) रैंकिंग में जनपद देवरिया को पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। बताते चलें कि प्रदेश में प्रथम स्थान जनपद सोनभद्र को मिला है। शासन द्वारा आज जारी रैंकिंग में सोनभद्र को 140 में से 139 प्राप्तांक मिले हैं, जबकि 136 अंक के साथ देवरिया दूसरे स्थान पर रहा। तीसरा स्थान शामली को मिला है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस उपलब्धि के लिए CDO रवींद्र कुमार एवं IGRS के नोडल अधिकारी ADM प्रशासन गौरव श्रीवास्तव सहित समस्त अधिकारियों, कार्मिकों एवं जनपदवासियों को बधाई दी हैं। उन्होंने कहा कि शासन की नीति के अनुसार IGRS प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण कर आमजन को राहत पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। IGRS प्रकरणों की नियमित मॉनिटरिंग एवं समीक्षा की जा रही है।
शिकायतों के निस्तारण में जन अपेक्षाओं के अनुरूप और बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। IGRS रैंकिंग का निर्धारण जन शिकायतों के निस्तारण के आधार पर किया जाता है। इन शिकायतों में जिलाधिकारी जनता दर्शन, तहसील दिवस, पीजीपोर्टल, मुख्यमंत्री कार्यालय संदर्भ, सहित विभिन्न ऑनलाइन पोर्टलों के माध्यम से आने वाली शिकायतों एवं उनके निस्तारण के आधार पर किया जाता है। जिन शिकायतों का निस्तारण संतोषजनक नहीं होता है, उन्हें सी श्रेणी में प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कराया जाता है। जिसके तहत 24 घंटे से 15 दिन के बीच शिकायतों के निस्तारण का प्रावधान है। दिसंबर माह में जनपद में सी श्रेणी का एक भी सन्दर्भ नहीं है।
गोरखपुर मंडल में प्रथम स्थान पर है जनपद
आज जारी रैंकिंग में गोरखपुर मंडल में जनपद देवरिया को प्रथम स्थान मिला है। IGRS रैंकिंग में गोरखपुर को 16वां, महराजगंज को 46 तथा कुशीनगर को 54 वां स्थान प्राप्त हुआ है।
DM की सख्ती का दिखा असर
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने IGRS प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण के लिए सख्त तेवर अख्तियार किये। इसी क्रम में उन्होंने दो तहसीलदार एवं तीन BDO सहित 11 अधिकारियों के दिसंबर माह के वेतन आहरण पर रोक भी लगा दी थी और कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिलाधिकारी की सख्ती का असर स्पष्ट दिखा। नवंबर माह में जनपद की रैंकिंग 31वीं थी और दिसंबर में दूसरे स्थान पर पहुंच गया।