मनुष्य के भीतर भगवान और प्रभु दोनों रहते हैं, बस पहचान लेने की शर्त होती है, पढ़ें रोचक प्रसंग
एक कहानी कहूं। पढ़ता था एक चित्रकार के बाबत। एक चित्र उसने बनाना चाहा था मनुष्य के भीतर दिव्य का, डिवाइन का। गया था खोज में। खोज लिया था एक व्यक्ति को, जिसकी आंखों में आकाश के जैसी नीली शांति थी। जिसके नक्श में, जिसकी रेखा-रेखा में कुछ था अलौकिक, संवेदित, जिसको देख कर लगता … Continue reading मनुष्य के भीतर भगवान और प्रभु दोनों रहते हैं, बस पहचान लेने की शर्त होती है, पढ़ें रोचक प्रसंग
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