पुरुष तभी शांत हुआ है जब वह है स्त्री की तरह समर्पित हो सका है,
स्त्रियां जब पुरुष जैसी होती हैं, तो सब उथला हो जाता है। स्त्री तो उथली हो ही जाती है। स्त्री सबसे ज्यादा चीज अगर कुछ खो सकती है, तो वह पुरुष जैसे होने की दौड़ में खो सकती है–अपनी आत्मा खो सकती है। हो तो नहीं पाएगी पुरुष जैसी, लेकिन आवरण ले सकती है। और … Continue reading पुरुष तभी शांत हुआ है जब वह है स्त्री की तरह समर्पित हो सका है,
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