
- बाइक से ले जाई जाती है खाद, जिम्मेदार नहीं कर रहे कार्रवाई
उमेश तिवारी
नौतनवा/महराजगंज। भारत नेपाल सीमा पर हर छोटे-बड़े पगडंडी रास्तों से यूरिया की जमकर तस्करी हो रही है। दिन हो या रात इन खाद तस्करों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। जिम्मेदारों के साथ-साथ तस्करों की चांदी ही चांदी है। तस्करों की बात करें तो इन दिनों नौतनवा तहसील अंतर्गत ग्राम करमहवा से खाद की तस्करी बिना किसी रोक-टोक के दिन रात चल रही है, तस्करी का कारोबार भारत नेपाल बॉर्डर पर खुलेआम होता है, बॉर्डर पर बैठे जिम्मेदार शांत बैठे हैं जैसे इन्हें कुछ पता ही नहीं है।
बात यही नहीं ख़त्म नहीं होती दुकानदारो द्वारा किसानो का शोषण भी किया जा रहा है यूरिया खाद के एक कट्टे (एक बोरा) की कीमत 266 रुपए 50 पैसे है, लेकिन निजी दुकानदार 350 से 450 रुपए प्रति कट्टे तक किसानों से दाम ले रहे हैं। किसानों को दुकानदारों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि यूरिया की शॉर्टेज आ रही है और लेना है तो इसी दाम में मिलेगा। कुछ यही स्थिति डीएपी खाद की है, जिसकी सरकारी रेट 1350 रुपए है, लेकिन दुकानदार 1600 से 1800 रुपए तक वसूल रहे हैं। सुबह 3:00 बजे से लेकर रात 12:00 बजे तक लगातार मोटरसाइकिल व साइकिल के द्वारा यूरिया सहित अनेक रसायनिक खादों का विभिन्न रास्तों से तस्करी का कार्य किया जा रहा है।
एक खाद तस्कर से गुप्त तरीके से बात करनी चालू की गयी तो उसने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर बताया कि इलाके के जिम्मेदार खाद की तस्करी में प्रति गाड़ी ₹200 लेते हैं तब जाकर खाद सीमा के इस पार से उस पार जा पाती है। इसी के चलते तस्कर एक बाइक पर तीन से चार बोरी यूरिया बांधकर तेज गति से फर्राटा भरते हुए दिखाई देते हैं, तस्करी के इस खेल को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे तस्करों को तस्करी करने का कोई लाइसेंस प्राप्त है, तभी तो बिना रोकटोक के खाद सहित अन्य सामानों को बॉर्डर पार करते हैं। मुडिला, चंडीथान, कुरहवां, पिपरहवां घाट, दोमुहाना, सुंडी घाट, नौतनवां गैस एजेंसी वाला रोड, हरदीडाली, डंडा घाट, शेष फरेंदा, सोनौली, सहित जनपद के तमाम जगहों से लगातार तस्करी हो रही है। लेकिन सीमा के अंदर से लेकर बॉर्डर पर तैनात किसी भी सुरक्षाकर्मी जैसे पुलिस, कस्टम, एसएसबी, और तहसील के जिम्मेदार अधिकारी इसे रोकने का जहमत नहीं उठाते हैं।