प्रसन्नता साधना और आत्माएं

दूसरे तट को जानेवाले ओ साहसी यात्री, प्रसन्न रह। कामदेव की कानाफूसी पर कान मत दे। और अनंत प्रकाश में जो लुभानेवाली शक्तियां हैं, जो दुष्ट भाववाली आत्माएं हैं, जो द्वेषी ल्हामयी हैं, उनसे दूर ही रह।’ तिब्बत का शब्द है ल्हामयी। ल्हामयी का अर्थ है, ऐसी आत्माएं, शरीर जिनके छूट गए हैं और नए … Continue reading प्रसन्नता साधना और आत्माएं