प्रेम-विवाह और ज्योतिषीय योग…

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता प्रेम हृदय की एक ऐसी अनुभूति है जो हमें जन्म से ही ईश्वर की ओर से उपहार स्वरूप प्राप्त होती है। आगे चलकर यही प्रेम अपने वृहद स्वरूप में प्रकट होता है। प्रेम किसी के लिए भी प्रकट हो सकता है। वह ईश्वर, माता-पिता, गुरु, मित्र, किसी के लिए भी उत्पन्न … Continue reading प्रेम-विवाह और ज्योतिषीय योग…