राजेश जायसवाल
नौतनवां/ महराजगंज । स्टेट GST की टीम इन दिनों दुकानों की जांच करने में जुटी है। इससे व्यापारियों को बढ़ाने की जरूरत नहीं है। देखा जा रहा है कि GST टीम से डरकर लोग अपनी दुकानें बंद किए हुए हैं। दुकान बंद रखने का मतलब कहां न कहीं आप कुछ गड़बड़ कर रहे हैं। GST टीम की नजर खासकर बंद दुकानों पर है। वे पकड़े गए तो बड़ी मुसीबत से गुजरना पड़ सकता है। गौरतलब है कि यह जांच सभी के दुकानों की नहीं होनी है। GST की चोरी करने वालों की एक सूची तैयार है। उसी सूची के अनुसार जांच चल रही है, इसमें दुकान बंद करने की कोई जरूरत नहीं है। जिस दुकान का नाम सूची में है, यदि मौके पर आप दुकान बंद रखेंगे तो अधिकारी दुकान सील कर नोटिस चस्पा कर देंगे। इसके बाद समस्या बढ़ जाएगी।
GST टीम की जांच को लेकर व्यापारियों में मचे अफरातफरी के बीच नौतनवां के ख्याति लब्ध चार्टर्ड एकाउंटेंट ( GST आयकर) अभिषेक जायसवाल ने कहा कि सूची में नाम चयनित होने के कुछ आधार है, जैसे जिन व्यापारियों ने जबसे GST लगा तबसे नकद कुछ भी GST नहीं जमा किया है, केवल घोषित स्टॉक के ITC से समायोजित किया जाता रहा है, जिन फर्मो में फर्जी आईटीसी का दावा है या जिन फर्मो में संतोषजनक टैक्स जमा नहीं है, ऐसे फर्मो का चयन किया गया है।
उन्होंने कहा जांच होने के उपरांत तुरंत कोई टैक्स मत जमा करें। अधिवक्ता या सीए से मिल कर देखिए कि वास्तविक टैक्स कितना निकल रहा है। वही टैक्स धारा 74 के अंतर्गत 15 प्रतिशत पेनाल्टी के साथ जमा करें। उस स्टाक पर मामला वहीं खत्म हो जाएगा। आगे टैक्स नहीं जमा करना होगा, यदि नोटिस जारी होने के बाद टैक्स जमा करेंगे। तो पेनाल्टी 25 प्रतिशत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आदेश होने के बाद करेंगे तो पेनाल्टी 50 प्रतिशत हो जाएगा। आदेश जारी होने के 30 दिन बाद करेंगे, तो 100 प्रतिशत हो जाएगा। इस सब झमेले से बचने के लिए व्यापारी बंधु वकील के जरिए अपने GST भुगतान की जांच करें। बड़बड़ाएं बिल्कुल नहीं।