फरार IPS आदित्य कुमार की तलाश में बिहार से यूपी तक रेड, परिजनों से पूछताछ, लाखों कैश बरामद,
रंजन कुमार सिंह
बिहार से फरार IPS अधिकारी आदित्य कुमार के कई ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी जारी है। निलबिंत IPS अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। जिसके तहत आदित्य कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बुधवार को पटना के दानापुर के शगुना मोड़ के फ्लैट, उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के इंदिरापुरम के फ्लैट और मेरठ के घर को खंगाला गया।
निलंबित IPS अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ एसवीयू ने 1।37 करोड़ से अधिक की काली कमाई के मामले में एफआईआर दर्ज की है। एसवीयू ने आदित्य कुमार के खिलाफ केस नंबर 16/2022 दर्ज किया है। धारा 13(1)(b), 13(2), 120(B) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले के चार आरोपी गिरफ्तार है, जबकि निलबिंत IPS आदित्य कुमार फरार चल रहे है। उनकी अग्रिम जमानत की याचिका भी खारिज हो चुकी है।
आदित्य कुमार जब गया के SSP थे तब उन पर शराब मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। उसी केस को खत्म करने के लिए आदित्य कुमार ने अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाकर बिहार के DGP एस के सिंघल को फोन कराया था। करीब 30-40 बार फोन करने के बाद DGP के द्वारा आदित्य कुमार के केस को खत्म कर दिया गया था।
मेरठ में तीन घंटे टीम ने की परिजनों से पूछताछ
मेरठ के सुभाष नगर स्थित आदित्य कुमार के घर बिहार विजिलेंस के डिप्टी एसपी लव कुमार के नेतृत्व में एक टीम पहुंची। टीम ने लगभग तीन घंटे तक उनके परिजनों से पूछताछ की। बिहार पुलिस की टीम उनके घर जाने से पहले थाना सिविल लाइंस पहुंची। वहां से स्थानीय फोर्स लेने के बाद वह उनके घर गई थी। स्थानीय अधिकारी मामले में कुछ भी आधिकारिक जानकारी देने से बचते रहे।
छापेमारी के दौरान 20 लाख कैश, आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त
एक बयान में कहा गया है कि छापेमारी के दौरान 20 लाख रुपये की नकदी, 90 लाख रुपये की जमा राशि वाले बैंक खातों और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। बयान में कहा गया है कि आरोपी की कुल अचल संपत्ति लगभग 1.37 करोड़ रुपये है।
दो महीने से फरार हैं सस्पेंडिड IPS आदित्य कुमार
पुलिस ने बताया कि 2011 बैच के IPS अधिकारी लगभग दो महीने से फरार हैं। वह शराब माफिया के साथ कथित तौर पर मिलीभगत से जुड़े मामले में गिरफ्तारी से बच रहे हैं। यह मामला उस समय का है, जब वह गया जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात थे। इओयू मामले में अभी तक चार आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है और भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धाराएं 353, 387, 419, 430, 467, 468, 120 बी, आइटी एक्ट के तहत आदित्य कुमार समेत पांच को नामजद करते हुए केस की जांच कर रही है।
आदित्य कुमार 15 अक्टूबर से फरार चल रहे हैं। इओयू फरार IPS की धर-पकड़ के साथ उन पुलिस पदाधिकारी- कर्मियों की भी तलाश कर रही है जो उसे फरार कराने में मददगार रहे हैं। इओयू को आशंका है कि पुलिस के किसी अधिकारी ने ही आदित्य को केस दर्ज होने सूचना दी थी। आदित्य के सरकारी सुरक्षाकर्मी से भी पूछताछ की बात सामने आ रही है। पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने पहचान छिपाते हुए बताया कि फरार IPS का सरकारी गनर और आवास पर तैनात पुलिस विभाग के कर्मचारियों ने यदि समय से सूचना दी थी तो वह इओयू को तत्काल क्यों नहीं दी गयी? गनर को छोड़कर जाने की सूचना इओयू को समय से दी जाती तो आदित्य फरार ही नहीं हो पाता।