अब 1000 कैमरे रखेंगे संदिग्ध लोगों पर नज़र
लाखों खर्च करने के बावजूद नहीं दिख रहे अपराधी
इससे पहले 70 चौराहों पर लगे थे सीसीटीवी कैमरे
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। मार्डन पुलिस कंट्रोल रूम के वजूद में आने के बाद राजधानी पुलिस कई अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हुई और द्रष्टि प्रोजेक्ट के तहत 70 चौराहों पर 280 कैमरे लगे थे और 24 घंटे गतिविधियों को कैद करने का दावा भी किया गया था, इसके बावजूद पुलिस अपराधियों को पकड़ने में फ़ैल साबित हुई। पुलिस की सुस्त कार्यशैली एवं अपराधियों तथा महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सेफ सिटी प्रोजेक्ट के दो सौ चौराहों पर अब एक हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
हालांकि यह कवायद इससे पहले भी कई बार शुरू हुई, लेकिन कुछ दिनों बाद ढाक के तीन पात साबित होकर रह गई। नतीजतन बेखौफ अपराधियों ने जब चाहा और जहां चाहा महिलाओं, लड़कियों व बुजुर्गों को निशाना बनाया और हर समय चौकन्ना रहने वाली पुलिस के दावे खोखले होकर रह गए। राजधानी लखनऊ के करीब सभी थाना क्षेत्र में पूर्व में बनाई गई योजना द्रष्टि प्रोजेक्ट के तहत अब सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत दो सौ स्थानों पर एक हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
पुलिस के पास सूचनाओं के आदान – प्रदान की बेहतर कंप्यूटराइज्ड तकनीकी भी है। इसके बावजूद कानून – व्यवस्था में तकनीक का व्यापक असर देखने को नहीं मिल रहा। अपराधी दिनदहाड़े गोली मारकर लूट करने से लेकर महिलाओं की हत्या कर उनके शव ठिकाने लगा रहे हैं। कैमरों का जाल बिछा होने के बावजूद पुलिस बदमाशों तक पहुंचने में विफल है। सवाल करने पर पुलिस के एक जिम्मेदार अफसर का कहना है कि इसका मकसद है कि सीसीटीवी कैमरे की मदद से सड़क पर होने वाली आपराधिक व आपत्तिजनक गतिविधियों की सूचना सीधे थानों की पुलिस तक पहुंचाई जाए और उनके इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाने में सीसीटीवी कैमरा मददगार बनेगा।