माता ने कहा बेटी से ससुराल में
जाकर भूल मुझे तुम जाओग़ी,
माँ ये कैसी बातें तुम करती हो ?
बेटी बोली याद बहुत तुम आओग़ी।
माँ ! तुम प्यार जो इतना करती हो,
पाल पोष कर बड़ा किया है मुझको,
मुझे सुलाने में रात रात तुम जगती
थी, मेरी चिंता में अब भी जगती हो।
व्हाट्सऐप पर विडीओ चलाकर,
अपने मोबाइल में काल लगाकर,
माँ ! याद मेरी तुमको जब आयेगी,
हर दिन मुझको ऑनलाइन पाओगी।
या मिस्ड काल मुझको करना माँ,
काल बैक मैं भी कर लुंगी तुमको,
चिंता की कोई बात नही मेरी माँ,
इंटरनेट वाईफ़ाइ तो अब है ही ना।
माँ ने सोचा अब माँ-बेटी का रिश्ता
व्हाट्सऐप इंटरनेट जैसा हो जाएगा,
इंटरनेट सिग्नल वाईफ़ाई से चलेगा,
ये बंद हुये तो रिश्ता बंद हो जाएगा।
कहते हैं नेटवर्किंग से सारी दुनिया
अब बिलकुल ही छोटी लगती है,
आदित्य ज़माना यह क्या समझेगा,
माँ की ममता बेटे बेटी में बसती है ।