मानसिक गुलामी से आजाद होने का आह्वान करता है तिलक का राष्ट्रवाद’

तिलक की राष्ट्रीयता का उद्देश्य भारत को एकता के सूत्र में बाँधना थाः वर्मा

तिलक के आंदोलनों से तैयार हुई थी गांधी के आंदोलनों की पृष्ठभूमिः संजय


निज संवाददाता


लखनऊ। आप अपने शत्रु से तभी जीत सकते है जब आपमें एकता हो। सभी को एक करने के लिए तिलक ने गणपति और शिवाजी महोत्सव का आरम्भ किया था। तिलक का राष्ट्रवाद केवल राजनीतिक साम्राज्यवाद से नहीं लड़ रहा था, बल्कि उसकी लड़ाई सांस्कृतिक साम्राज्यवाद के साथ-साथ आर्थिक साम्राज्यवाद से भी थी। तिलक के समय में जितनी आवश्यकता राष्ट्रवाद की थी, उससे कई गुना आज है। उक्त बातें कालीचरण पीजी कॉलेज, लखनऊ में ‘तिलक का राष्ट्रवाद’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय दिवस और समापन-सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पधारे CSSP  कानपुर के निदेशक प्रो. एके वर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि तिलक 24 कैरेट के राष्ट्र भक्त थे। उनकी राष्ट्रीयता का उद्देश्य भारत को एकता के सूत्र में बाँधना था। आज हम दो तरह की राष्ट्रीयता से लड़ रहे हैं-एक है सतही राष्ट्रीयता और दूसरी वास्तविक राष्ट्रीयता। उन्होंने कहा कि तिलक की चिंताएं आज भी शाश्वत है और उनका समाधान गीता के कर्मवाद में है क्योंकि कर्म ही हमारा भाग्य विधाता है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्रबंधक इं. वीके मिश्र ने सभी विद्वानों और वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तिलक के राष्ट्रवाद पर आयोजित संगोष्ठी नई शिक्षा नीति के अनुरूप सभी को मुख्य धारा में जोड़ने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने का उपक्रम है। तिलक का राष्ट्रवाद हमें मानसिक गुलामी से भी आजाद होने का आह्वान करता है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. चन्द्र मोहन उपाध्याय ने संगोष्ठी में आये हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तिलक का राष्ट्रवाद तोड़ता नहीं जोड़ता है। हमें अपनी ज्ञान परम्परा पर गर्व करना चाहिए। हम स्वतंत्र तो हो गये लेकिन तिलक जिस स्वराज की बात करते थे उसको प्राप्त करने के लिए अभी एक लम्बी यात्रा करनी है। हमें एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जहाँ हमारे विचार स्वतंत्र हों।

ये भी पढ़ें

लोकमान्य गंगाधर तिलकः स्वभाव से थे नरम, लेकिन नेता थे गरम

संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए डॉ. संजय कुमार ने कहा कि तिलक का राष्ट्रवाद पश्चिम के राष्ट्रवाद से बिल्कुल भिन्न है। हमारा राष्ट्रवाद पाँच हजार वर्ष पुराना और अर्जित राष्ट्रवाद है जबकि पश्चिम का राष्ट्रवाद आरोपित राष्ट्रवाद है। आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करते हुए प्रो. कौशलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज जो आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा विकसित हो रही है।  वह तभी सफल हो सकती है जब तिलक के स्वराज को लागू कर पायेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता पीयूष पुष्कर ने तिलक के सांस्कृतिक जागरण की चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने त्योहारों और संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। प्रो. पंकज सिंह ने कहा कि गांधी के आंदोलनों की पृष्ठभूमि तिलक के आंदोलनों से ही तैयार हुई थी।

संगोष्ठी में दिल्ली, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के अनेक विद्वानों ने प्रतिभाग किया। आज दो तकनीकि सत्रों का संचालन हुआ जिनमें 33 शोधपत्रों का वाचन किया गया एवं कई महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा की गई। संगोष्ठी के समापन पर सभी को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य डॉ. ममता मणि त्रिपाठी सहित, अनेक विद्वान और महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण और शोधार्थी तथा विद्यार्थी भारी संख्या में उपस्थित रहें। कार्यक्रम का सफल संचालन इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अर्चना मिश्रा ने किया।

Raj Dharm UP

SP-BSP के लिये परिवार और मोदी के लिये राष्ट्र सर्वोपरि : योगी

अमरोहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए परिवार पहले है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्रीय राजमार्ग नौ से सटे गांव निपनिया क्षेत्र स्थित शिक्षण संस्थान के मैदान में अमरोहा लोकसभा प्रबुद्ध सम्मेलन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रत्याशी कंवर सिंह […]

Read More
Raj Dharm UP

यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है : अखिलेश

लखनऊ। माफिया सरगना और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत को निशाना बना कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर प्रहार करते हुये समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं है। यादव ने मुख्तार की मौत […]

Read More
Bundelkhand Central UP Purvanchal Raj Dharm UP Uttar Pradesh

जरायम की दुनिया से लेकर राजनीति के गलियारों तक चलता था मुख्तार का सिक्का

मऊ/गाजीपुर। तीन दशक से अधिक समय तक जरायम की दुनिया में हुकूमत करने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की तूती पूर्वांचल की राजनीति में भी सिर चढ़ कर बोलती थी। मऊ जिले में सदर विधानसभा के पूर्व विधायक रहे मुख्तार की गुरुवार को बांदा के सरकारी अस्पताल में हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी। गाजीपुर के […]

Read More