ए अहमद सौदागर
लखनऊ। अपराध पर काबू पाने के लिए लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस को चुनौती बन गया है। कहीं पर घर में घुसकर बुजुर्ग की हत्या कर दी जा रही है। तो कहीं पर सरेराह लूटपाट की वारदातों से लोग दहशत के साए में हैं। यह देखते हुए शासन ने पांच ग्रामीण थानों को कमिश्नरेट में जोड़ दिया है। अब लखनऊ कमिश्नरेट में कुल 52 थाने हो गए हैं, जिन्हें पांच ज़ोन में बांटा गया है। शहर का दायरा बढ़ता गया और पुलिस की तैनाती में गिरावट नहीं बल्कि इज़ाफ़ा हुआ, लेकिन इसके बावजूद अपराधियों पर लगाम कसने में कमिश्नरेट पुलिस नाकाम साबित हो रही है। संसाधन बहुत हैं लेकिन कड़वा सच यही है कि अफसर दस्तावेजों पर वारदातों पर अंकुश लगाने का दावा कर रहे हैं।
राजधानी लखनऊ के कमिश्नरेट क्षेत्र में इससे पहले 45 थाने थे, जो बढ़कर अब 52 थाने हो गए हैं। पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने बताया कि पश्चिमी ज़ोन में मलिहाबाद, रहीमाबाद व माल के अलावा बीकेटी व इटौंजा को जोड़ने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि कमिश्नरेट में अब कुल 52 थाने हो गए हैं। पश्चिमी ज़ोन में चौक, वजीरगंज, ठाकुरगंज, सआदतगंज, बाजार खाला, तालकटोरा, मलिहाबाद, रहीमाबाद, माल, काकोरी, दुबग्गा, पारा व मानकनगर।
मध्य जोन में हजरतगंज, हुसैनगंज, गौतमपल्ली, महिला थाना, कैसरबाग, अमीनाबाद, नाका, महानगर, हसनगंज व मदेयगंज। पूर्वी ज़ोन में विभूतिखंड, चिनहट, BBD, गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, कैंट, आशियाना, PGI व आलमबाग। उत्तरी जोन में अलीगंज, मड़ियांव, जानकीपुरम, गाजीपुर, गुडंबा, इंदिरा नगर, विकासनगर, बीकेटी, इटौंजा, सैरपुर व महिला थाना द्वितीय। दक्षिणी ज़ोन में मोहनलालगंज, नगराम, निगोहां, गोसाईगंज, सुशांत गोल्फ सिटी, कृष्णा नगर, बिजनौर, सरोजनीनगर व बंथरा शामिल है।