विशेष पुलिस अधिकारी के बिना कैसे बनेगी पकड़
और बेहतर करने की पुलिसिया योजना
नए तरीके से होंगे SPO तैनात
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। करीब एक दशक पहले की तरह एक बार फिर SPO की तैनाती करने की योजना बनाए जाने की तैयारी चल रही है। इससे पहले बनी ये योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में चली गई थी जो अब कमिश्नरेट बनने के बाद शुरू होने जा रही है।
फर्क पर गौर करें तो तत्कालीन कप्तानों ने अनपढ़ों को भी विशेष पुलिस अधिकारी बन डाला था, कमिश्नरेट में पढ़ें लिखे एसपीओ तैनात किए जाएंगे।
इधर कमिश्नरेट पुलिस जनता में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए शहरी क्षेत्र से लेकर गलियारों में विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) तैनात करने जा रही है। बड़ा सवाल है कि आखिर एसपीओ के बिना गली मुहल्लो में पुलिस की पकड़ कैसे मजबूत होगी। बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने पुलिस का तंत्र मजबूत करने की कवायद शुरू की है।
मगर ऐसा पहली बार नहीं हुआ। पिछले कई साल पूर्व भी एसपीओ बनाने और सक्रिय करने की योजना तो बनीं, लेकिन कुछ कदम चलने के बाद फाइलों में दफन होकर रह गई।
,,, नया प्रस्ताव और नए विशेष पुलिस अधिकारीयों की होगी तैनाती,,,
बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए तथा सीमित पुलिस बल एवं उसकी उपलब्धता को दृषिटगत रखते हुए एक बार फिर विशेष पुलिस अधिकारी ( SPO) को तैनात किए जाने की तैयारी की जा रही है ताकि अपराध और अपराधियों पर लगाम कसी जा सके। बताया जा रहा है कि त्योहारों, जुलूसों, साम्प्रदायिक दंगों, मेला, यातायात व्यवस्था, किसी बड़ी घटना दुर्घटना आपदा या फिर किसी बड़ी आपदा में SPO को सहयोग करने की जिम्मेदारी रहेगी। एसपीओ का कार्यकाल तीन वर्ष तक रहेगा, ऐसे शख्स को एसपीओ बनाएं जाएंगे जिनके खिलाफ कोई मुकदमा न हो और पढ़े लिखे हों।