राजनीति उनके लिये ही अच्छी है,
जो इसमें रह कर आनंद ले रहे हैं,
उन लोगों के लिए तो मुश्किल है,
जो समुचित विश्लेषण कर रहे हैं।
उन लोगों के लिए तो सबसे खराब है,
जो इसकी गंदगी, धूर्तता और व्याप्त अवसरवादिता की आलोचना करते हैं,
परंतु इससे दूर रहने वाले स्वतंत्र रहते हैं।
वैसे यह सच है कि आज के समय में,
राजनीति से दूर रहना मुश्किल होता है,
और राजनीति से बचाये रखने का निर्णय
जीवन का एक कठिन निर्णय होता है।
जीवन में जो कार्य मुश्किल होते हैं,
उन्हीं में सफलता भी छिपी होती है,
जो निर्णय मुश्किल में लिये जाते हैं,
वही सबसे सटीक निर्णय भी होते हैं।
भाग्य और सौभाग्य दोनों मनुष्य के
कर्म और विश्वास पर निर्भर करते हैं,
धन तभी सार्थक है जब धर्म साथ हो,
सुंदरता सार्थक है, जब चरित्रवान हो।
धन सार्थक है, जब स्वास्थ्य ठीक हो,
जरूरी नहीं हैं बीमार होने की वजह
बीमारियाँ ही हों, कुछ लोग तो दूसरों
की खुशियां देख बीमार हो जाते हैं।
धन आते ही जीवन में सुख मिलेगा,
इसकी कहीं भी कोई गारंटी नहीं,
आदित्य इन्सानियत आते ही जीवन
सुखी होगा इसमें कोई सन्देह नहीं।