कविता : जब तक परिवार से जुड़ा रहता है
शब्द व व्यवहार ही मनुष्य की असली पहचान होते हैं, चेहरा व ऐश्वर्य तो आज हैं, शायद कल नहीं रह पाते हैं। तकलीफ़ें और मुसीबतें ईश्वर निर्मित प्रयोगशालाओं में तैयार की जाती हैं, मनुष्य का आत्मविश्वास और उसकी योग्यता भी वहाँ ही परखी जाती है । चिंता करना व फ़िक्र करना दोनो अलग अलग अभिप्राय … Continue reading कविता : जब तक परिवार से जुड़ा रहता है
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