‘राष्ट्रीय सद्भावना समिति’ द्वारा पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय की स्मृति में विशेष आयोजन

धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समरसता के प्रतीक पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय के जन्मदिन 15 अक्टूबर को “राष्ट्रीय सद्भावना समारोह” का आयोजन लखनऊ के सीएमएस सभागार गोमतीनगर में किया गया।

लखनऊ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशेष सचिव परिवहन डाँ. अखिलेश मिश्र ने कहा कि मानव जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि यही है कि व्यक्ति अपनी आत्मा को विकसित करे और मानव मात्र में एकता की अनुभूति करे। ऐसा कर सकने वाले लोग ही सच्ची सबके लिए सद्भावना की अनुभूति कर सकते हैं। मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेने वाले प्रयागराज से पधारे मौलाना हयात उल्लाह साहब ने कहा कि पंडित बद्री प्रसाद पाण्डेय ने मानवता और सर्व धर्म समभाव के संदेश को पहले अपने जीवन में उतारा उसके बाद संपूर्ण मानव जाति को इसका उपदेश किया। उन्होंने कहा कि पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय ऐसे महापुरुषों के बताए रास्ते पर चलकर ही समाज में शान्ति और सद्भावना कायम हो सकती है।

मौलाना हयात उल्लाह साहब ने बताया कि उन्होंने पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय के साथ कई बड़े मंचों को साझा किया और यह अनुभव किया कि अगर पण्डित जी के विचारों को ठीक से प्रसारित किया जाए तो समाज में शान्ति और सद्भावना कायम हो सकती है। अति विशिष्ट अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री डाँ. सरजीत सिंह डंग  ने कहा कि जो व्यक्ति सही अर्थ में धार्मिक होता है वह जाति और मजहब के बहुत ऊपर उठ जाता है और मनुष्य मात्र में एकता का अनुभव करता है।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एल आई सी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री देवी शंकर शुक्ल ने कहा कि धार्मिक सिद्धान्तों को अपने जीवन में उतार कर पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय ने युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया, जिस पर चलकर हम अच्छे समाज की रचना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय सद्भावना समिति’ के प्रयास से समाज में भाईचारा और सद्भावना का विकास होगा।

विशिष्ट अतिथि पूर्व डीआईजी कारागार कैप्टन एसके पाण्डेय ने कहा आध्यात्मिक जीवन में मजबूती से स्थापित होकर ही हम अपने सांसारिक और सामाजिक जीवन को भी सुखद बना सकते हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग ले रहे प्रोफेसर के सी बाजपेई ने कहा कि आध्यात्मिक जीवन शैली को जीवन में उतारने से व्यक्ति को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुष्टि की भी अनुभूति होती है, और तभी व्यक्ति के अंदर सद्भावना का विकास होता है। कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर शक्ति कुमार पाण्डेय ने समस्त आगन्तुक अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय के और अनुयाई उनके पद चिन्हों पर चलकर समाज में सद्भावना को प्रसारित करने का काम कर रहे हैं।  कार्यक्रम का संचालन अलंकृता पाण्डेय ने किया और आभार ज्ञापन विजय मिश्र ‘गुरूजी’ ने किया।

इस अवसर पर नृत्यांगन संगीत संस्थान की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मुख्य अतिथि के द्वारा ‘राष्ट्रीय सद्भावना समिति’ की ओर से इस अवसर पर विशिष्ट श्रेणी के लोगों का सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सद्भावना समिति के महामंत्री विजय मिश्र ‘गुरूजी’, प्राध्यापक पत्रकार डाँ. दिलीप अग्निहोत्री, समाजसेवी सतीश चतुर्वेदी, गीता मैत्रेयी फाउंडेशन के संस्थापक दिलीप शुक्ला, आर एस एस के सह संघ चालक विजय कुमार पाण्डेय, शासन में संयुक्त सचिव शशिकांत शुक्ल व अशोक कुमार मिश्र, ज्योतिषाचार्य स्वामी धीरेन्द्र, गोल्डन फ्यूचर के संस्थापक शोभित अग्रवाल, समाजसेवी कृष्ण दत्त द्विवेदी, विजयधर द्विवेदी, शिक्षक अभय शुक्ल, एल आई सी फेडरेशन के सत्य प्रकाश झा आदि उपस्थित रहे।

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