जन्म कुंडली के दोष दूर कर देते हैं त्रिकोण में बैठे बलवान ग्रह
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह, 12 राशियां और 12 भावों को मिलाकर जन्मकुंडली बनाई जाती है। कुंडली के 12 भावों में सभी का अलग-अलग नाम और महत्व होता है। किसी भी कुंडली का फलादेश करने में लग्न के बाद सबसे अधिक महत्व त्रिकोण स्थानों को दिया जाता है। कुंडली का 5वां … Continue reading जन्म कुंडली के दोष दूर कर देते हैं त्रिकोण में बैठे बलवान ग्रह
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