कुछ दिनों पहले से रैकी के बाद अपहरण किया सुमित को
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। इस हाईप्रोफाइल अपहरणकांड ने न सिर्फ पुलिस को मुश्किल में डाला, बल्कि सरकार को भी परेशान किया।
लिहाजा इसके राजफाश के लिए तेज़ तर्रार पुलिस अफसरों सहित सर्विलांस में माहिर हाईटेक पुलिसकर्मियों को जुटाया गया। पुलिस ने अभी जाल बिछाना शुरू ही किया था कि अपहर्ताओं की नासमझी के प्रमाण मिलने शुरू हो गए। जानकार सूत्र बताते हैं कि अपहर्ता कुछ दिनों पहले से डायरेक्टर सुमित कुमार शर्मा कब और किस रास्ते से निकलते हैं इसकी रैकी कर रहे थे।
घटना के दौरान क़दम – क़दम पर की गई गलतियों ने पुलिस को भरोसा दिला दिया कि अपहरण में पेशेवर गिरोह शामिल नहीं हैं। पुलिस को अब केवल सर्विलांस के जरिए अपहर्ताओं की हर गलतियों पर नज़र रखनी थी, जिसमें वह सफल भी हुई। हालांकि डायरेक्टर सेल्स एसोसियेट्स आर एस इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर सुमित कुमार शर्मा की सलामती का ख्याल कर कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई गई।
जांच पड़ताल में जुटे एक अफसर बताते हैं अपहरण में शामिल बदमाश सर्विलांस से बिलकुल अनजान थे। इसलिए उन्होंने क़दम – क़दम पर चूक कर पुलिस का काम आसान कर दिया। अपहरणकर्ताओं ने 12 लाख रुपए की फिरौती वसूलने के लिए अलग से सिम का इस्तेमाल नहीं किया वे डायरेक्टर सुमित कुमार शर्मा के ही मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे थे। यही नहीं बदमाशों ने घटना के कुछ घंटों बाद ही डायरेक्टर सुमित की पत्नी पूजा शर्मा के मोबाइल फोन पर खुद को पुलिसकर्मी बताकर 12 लाख रुपए की फिरौती मांगी।
पुलिस ने मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगा दिया। यहीं से अपहर्ताओं की पोल खुलनी शुरू हो गई। मज़े की बात यह है कि अपहरणकर्ता फिरौती की मांग करने के लिए किसी अजनबी मोबाइल फोन से नहीं बल्कि डायरेक्टर सुमित कुमार शर्मा के ही मोबाइल फोन से कॉल रुपयों की मांग करते और मोबाइल फोन को स्वीच ऑफ कर देते थे। यही नहीं बताया जा रहा है कि बदमाश कॉल करते समय गैंग के सरगना अंकुर तिवारी को सर कहकर आपस में बात करते थे। इस दौरान सर्विलांस के जरिए अपहर्ताओं की लोकेशन मड़ियांव क्षेत्र के घैला स्थित एक मकान की मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घेरेबंदी कर बदमाशों को गिरफ्तार कर डायरेक्टर सुमित कुमार शर्मा को सकुशल बरामद कर लिया।