कविता : कवि और समालोचक

हे कविवर, आपसे क्या कहूँ, आप कवि हृदय तो हैं ही, शब्दों के जादूगर और एक़ अच्छे, सच्चे इंसान भी तो हैं। आप में मौजूद देशकाल, इतिहास, संस्कृति, समाज, राजनीति व, मानवता की प्रामाणिक ज्ञान प्राप्त करने की कला भी है । मानवीय व सामाजिक भावना व्यक्त करने की अद्भुत सूझबूझ, भी मौजूद है, हम … Continue reading कविता : कवि और समालोचक