कविता : वक्त का बदलता मिज़ाज है

इंसान को अक्ल और गलतियाँ हमेशा डराने का काम करती हैं, अक्सर अपनी अक्ल और दूसरों की गलती हमेशा ज्यादा ही दिखती हैं। स्वयं को संभालने के लिए मस्तिष्क का उपयोग करें, दूसरे को संभालने के लिए अपने ह्रदय का उपयोग करें, इसी तरह मधुर सम्बन्ध निभाते रहें। गलत लोग हमारी अच्छाई से भी घृणा … Continue reading कविता : वक्त का बदलता मिज़ाज है