रोहिंगिया को बांग्लादेश भी बोझ मानता है !!

के. विक्रम राव
                 के. विक्रम राव

रोहिंगिया मुसलमानों को भारत का आतिथ्य देने पर शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने चमत्कारिक कदम उठाया था। इन आतंकी घुसपैठियों को दिल्ली के बाकरवाला इलाके में फ्लैट दान करने की योजना बनायी थी। मगर गृह मंत्रालय ने स्वीकृति देने से इंकार कर दिया। भारत बच गया। उधर पड़ोसी बांग्लादेश से समाचार है कि यह रोहिंगिया तो इस्लाम मतावलंबी अवश्य हैं पर चटगांव के कॉक्स बाजार क्षेत्र में पिछले पांच साल में इनलोगों के कारण चोरी, हत्या, दुष्कर्म, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे आपराधिक मामलों में करीब सात गुना की बढ़ोत्तरी हुयी है। बांग्लादेश सरकार इनको पूरी तरह से नियंत्रित करने में खुद को सक्षम नहीं मान रही। चूंकि पाकिस्तान के रिश्ते बांग्लादेश से अच्छे नहीं हैं, इसीलिए वह उसके लिये परेशानी खड़ी करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। इन्हीं कारणों से शेख हसीना बाजेद ने कल ही (12 सितम्बर 2022) ढाका में कहा कि ये रोहिंगिया मुसलमान इस्लामी बांग्लादेश की सुरक्षा और स्थिरता हेतु बड़ा खतरा बन गये हैं। चौबीस राष्ट्रों (अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया तथा भारत मिलाकर) के सैन्य अधिकारियों के सम्मेलन का यह भयावह सूचना उन्होंने दी।

अचरज की बात यह है कि विश्व के 57 इस्लामी राष्ट्रों में किसी ने भी इन सहधर्मी इस्लामिस्ट रोहिंगिया शरणार्थियों को राहत और पनाह देने का प्रयास नहीं, ख्याल तक नहीं किया। समूचे आलम को इस्लामी बनाने का सपना देखने वाले ऐसे लोग बांग्लादेश पर बोझ बन गये इन रोहिंगिया मुसलमानों के लिये तनिक भी दर्द का अहसास या मुरव्वत नहीं कर रहे हैं। कुरान मजीद में निर्देश है कि पहले पड़ोसी को खिलाओ, फिर खुद खाओ। तेल से भरे खाड़ी देशों के मुसलमानों की न तो फिक्र है, न कुछ सरोकार। ऐसे है ये अमीर (नेक) इस्लामिस्ट! भारत में कुछ मानवाधिकार संस्था, जिनका फैशन है हर भारत-विरोधी से हमदर्दी करना, ने सर्वोच्च न्यायालय से इन घुसपैठियों को नागरिकता और वोटर कार्ड दिलाने का सतत प्रयास किया था। सुप्रीम कोर्ट ने म्यांमार से भागकर आये लगभग 40 हजार रोहिंगिया मुस्लिमों को वापस बर्मा भेजने के आदेश के खिलाफ याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब देने को कहा था। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की तीन-सदस्यीय पीठ ने नोटिस जारी किया था। दो याचिकाकर्ताओं, समीउल्ला और शाकिर के वकील प्रशांत भूषण थे।

आज पूरे देश में सभी रेलवे लाइनों के दोनों ओर बांग्लादेशी जिहादी घुसपैठियों और रोहिंगियाओं ने झुग्गियां बना लीं हैं। हर स्टेशन पर सौ मीटर के अंदर मस्जिद-मजार जरूर मिल जायेगी। एक ही झटके में और एक ही कॉल में पूरे भारत का रेलवे नेटवर्क जाम कर देने की स्थिति में वे आ चुकें हैं। इन रोहिंगिया आतंकवादियों के समर्थन में एक घटना लखनऊ में शुक्रवार (20 अप्रैल 2012) को हुयी थी। रमजान का अंतिम दिन था। तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार थी। हजरतगंज तक बल्लम, बर्छी, तलवार, लाठी लेकर दंगाई पहुंच गये थे। हजरतगंज पुलिस हाथ पर हाथ धरे मूक दर्शक बनी थी। उस शाम लखनऊ जल सकता था। हजरतगंज राख हो जाता। निर्दोष नागरिकों के लहू से सड़क गीली हो सकतीं थीं। दहशत होती है उस दृश्य को स्मरण कर। राजधानी तो बच गयी, मगर अखिलेश यादव की यह कारगुजारी भुलाई नहीं जा सकती।

जनता ने भी ऐसी शातिराना हरकत का उपयुक्त उत्तर दिया। विधानसभा निर्वाचन का दौर था। अखिलेश यादव हार गये। जनता ने शिकस्त दी। वोटरों को वह सिहरन, वह कंपन, वह थरथराहट याद थी। तब रोहिंगिया जिहादियों के लिये ईदगाह से अलविदा की नमाज के बाद मुसलमानों का जुलूस निकला। इसकी रपट दैनिक हिन्दू के 18 अगस्त 2012 के अंक में प्रकाशित हुयी थी। उसके अनुसार सशस्त्र भीड़ ने व्यापक हिंसा की। छह किलोमीटर का फासला था। टीलेवाली मस्जिद से, पुराने शहर के आसिफी ईमामबाड़ा से विधानभवन तक दंगाई पहुंच गये थे। फोटोग्राफर समीर राय की फोटो भी छपी थी। शीर्षक था: ‘‘अलविदा की नमाज के बाद उस शुक्रवार को अराजक भीड़ ने कानून अपने हाथों में ले लिया था।‘‘ दि टाइम्स आफ इंडिया (17 अगस्त 2021) की रपट थी: ‘‘भीड़ ने बुद्ध पार्क में तोड़फोड़ किया। जबरन दुकानें बंद करायीं, पत्रकारों को मारापीटा।‘‘ खुदा का खैर था, दुआ थी। लखनऊ उस शाम बच गया। वर्ना उस खून खराबा में लाशों से महात्मा गांधी मार्ग पट जाता। हलवासिया मार्केट राख हो जाता। उन बर्मा रोहिंगिया मुसलमानों के खातिर!

इसी से मिलती जुलती घटना लखनऊ में 1940 के करीब हुयी थी। तब मोहम्मद अली जिन्ना हर मौके का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसमें हिन्दुओं को जानमाल की हानि पहुंचायी जा सके। लखनऊ में उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। बाराबंकी के मुस्लिम-बहुल मसौली से विधायक रफी अहमद किदवई कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे। पंडित गोविन्द वल्लभपंत की जगह। तब जिन्ना की मुस्लिम लीग से संबंद्ध सशस्त्र दल खाकसार के अगुवा में मौलाना इनायतुल्ला खान उर्फ अल्लामा मशरीकी ने लखनऊ में मुस्लिम लीगी जुलूस निकाला। जो भी कांग्रेसी मिला उसे शारीरिक आघात पहुंचाया। शाम को रफी साहब ने पुलिस की टोली ली और खाकसार शिविर पर धावा बोला। उन्होंने फावड़ाधारी खाकसारों को चुनौती दी। सबकी जमकर ठुकाई की। फिर चारबाग रेलवे स्टेशन तक दौड़ाया। अल्लामा गीदड़ की तरह दहशत में रहा। चुपचाप चला गया। रफी साहब के लखनऊ में उन खाकसार गुण्डों की दोबारा आने की हिम्मत नहीं हुयी। गुण्डों को खदेड़ कर यह कार्यवाहक कांग्रेसी मुख्यमंत्री कैसरबाग में ‘‘नेशनल हेरल्ड‘‘ आफिस आये। सम्पादक श्री के. रामा राव को पूरा किस्सा बताया। दूसरे दिन के प्रातः संस्करण के प्रथम पृष्ठ पर रफी साहब द्वारा खाकसार गुण्डों से लखनऊ बचाने की विस्तृत रपट छपी। कितना अंतर था। अखिलेश यादव के राज में और रफी अहमद किदवाई की हुकूमत में!

K Vikram Rao
Mob: 9415000909
Email: [email protected]

Analysis Bundelkhand Central UP homeslider Purvanchal Raj Dharm UP Uttar Pradesh

EXCLUSIVE: योगी के भय से कुछ दिनों पहले गई थी मुख्तारी, अब चला गया मुख्तार…

यूपी के सीएम योगी क्राइम, क्रिमिनल और करप्शन पर क्यों करते हैं करारा प्रहार ‘योगी नाम केवलम’ जपने के बाद भी नहीं मिल सकी थी जीते जी रियायत सियासत में कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जुर्म की दुनिया में रहते हुए राजनीति की ओर रुख किया। हालांकि वे सियासत में आकर भी अपनी ‘दबंग’ छवि […]

Read More
Analysis homeslider

Special on 22 March World Water Day: भविष्य में आने वाला है घोर जल संकट,करने होंगें संरक्षण के उपाय

पृथ्वी तल के नीचे स्थित किसी भू- गर्भिक स्तर की सभी रिक्तियों में विद्यमान जल को भू-गर्भ जल कहा जाता है। अपने देश में लगभग 300 लाख हेक्टोमीटर भू-गर्भ जल उपलब्ध है। इसका 80 प्रतिशत तक हम उपयोग कर चुके हैं।यदि भू-जल विकास स्तर की दृष्टि से देखा जाय तो अपना देश धूमिल संभावना क्षेत्र […]

Read More
Analysis homeslider

हिंदी साहित्य में होली के रंग

होली कवियों का प्रिय त्योहार है। यह त्योहार उस समय आता है जब चारों दिशाओं में प्रकृति अपने सौन्दर्य के चरम पर होती है। उपवनों में रंग-बिरंगे पुष्प खिले हुए होते हैं। होली प्रेम का त्योहार माना जाता है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण और राधा को होली अत्यंत प्रिय थी। भक्त कवियों एवं कवयित्रियों ने होली […]

Read More