नीतीश की नई कैबिनेट: 31 विधायकों को दिलाई मंत्री पद की शपथ

राजद का दबदबा, नौ पर फॉरजरी से लेकर हत्या की साजिश रचने तक के आरोप,


नया लुक ब्यूरो


पटना। बिहार की नई कैबिनेट रेडी है। इसमें कुल 31 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। इसमें छह यादव, पांच मुस्लिम और तीन महिला विधायक भी शामिल हैं। नीतीश के इस नए मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की गई है। संख्या के लिहाज़ से सबसे ज्यादा आठ यादव मंत्री बनाए गए हैं। इसमें राजद ने सात जबकि जदयू ने एक यादव को मंत्री पद दिया है। वहीं, नीतीश कुमार के अलावा कुर्मी जाति से भी एक विधायक को मंत्री बनाया गया है। दलित समुदाय से छह चेहरों को मंत्रिमंडल में बड़ी हिस्सेदारी दी गई है। इसमें राजद के दो, जदयू के दो जबकि हम और कांग्रेस के एक-एक दलित मंत्री शामिल हैं।

वहीं सवर्ण समुदाय में सबसे ज्यादा राजपूत बिरादरी के तीन मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें राजद और जदयू से एक-एक जबकि निर्दलीय से एक राजपूत को मंत्री बनाया गया है। भूमिहार जाति से दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है। जिसमें राजद और जदयू के एक-एक मंत्री हैं। वहीं, जदयू की तरफ से ब्राह्मण समुदाय के सिर्फ एक विधायक को कैबिनेट में जगह मिली है। पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय को भी मंत्रिमंडल में बड़ी हिस्सेदारी दी गई है। इसमें कुशवाहा समुदाय के तीन और अति पिछड़ा से तीन मंत्री बने हैं। सभी दलों ने अल्पसंख्यक समुदाय में मुस्लिमों पर बड़ा दांव लगाया है। कुल पांच मुस्लिम मंत्री बनाए गए हैं। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जोड़कर कुल 33 लोग मंत्रिमंडल में शामिल हैं।

ये हैं बिहार कैबिनेट के ’31 कोहिनूर’:

 

विजय कुमार चौधरी       जेडीयू

विजेंद्र यादव                  जेडीयू

अशोक चौधरी                जेडीयू

श्रवण कुमार                  जेडीयू

लेशी सिंह                       जेडीयू

मदन सहनी                    जेडीयू

ललित यादव                  जेडीयू

संजय झा                       जेडीयू

शीला मंडल                    जेडीयू

सुनील कुमार                   जेडीयू

जमा खान                       जेडीयू

जमा खान                       जेडीयू

आलोक कुमार मेहता       आरजेडी

तेजप्रताप यादव             आरजेडी

रामानंद यादव               आरजेडी

सुरेंद्र यादव                    आरजेडी

सरबजीत कुमार              आरजेडी

समीर महासेठ              आरजेडी

चंद्रशेखर                      आरजेडी

सुधाकर सिंह                आरजेडी

जितेंद्र राय                   आरजेडी

अनीता देवी                 आरजेडी

इजराइल मंसूरी            आरजेडी

कार्तिक कुमार             आरजेडी

शमीम अहमद             आरजेडी

शाहनवाज आलम           आरजेडी

सुरेंद्र राम                      आरजेडी

सुमित कुमार सिंह          निर्दलीय

संतोष कुमार               सुमन हम

अफाक आलम            कांग्रेस

मुरारी गौतम               कांग्रेस।

स्मरणीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा नीत राजग से नाता तोड़ लिया और प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनाने के लिये राजद के साथ हाथ मिलाने के बाद दस अगस्त को राजभवन में रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कुमार के अलावा राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। तेजस्वी यादव को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल चेहरे, जो धोखाधड़ी से लेकर हत्या की साजिश रचने तक में चर्चा में रहे, नीतीश कैबिनेट में ऐसे कई नेताओं को शामिल किया गया है। जिन पर धोखाधड़ी करने, हत्या करने की साजिश रचने और मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे में जानना दिलचस्प होगा कि मंत्रीमंडल में शामिल होने वाले नेताओं का बैकग्राउंड कैसा रहा है। मिलिए नीतीश कुमार के ‘कोहिनूरों’ से, जिनपर धोखाधड़ी से लेकर हत्या की साजिश रचने तक के आरोप हैं।

तेजस्वी यादव: मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी समेत एकएक केस दर्ज़

बिहार के डिप्टी सीएम बन चुके तेजस्वी यादव का नाम IRCTC घोटाले में आ चुका है। बिहार चुनाव 2020 के दौरान दायर किए हलनामे के मुताबिक, तेजस्वी यादव पर एकएक मामले दर्ज हैं। इनमें 7 क्रिमिनल केस हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी के मामले चल रहे हैं। इसके अलावा चार सिविल केस भी चल रहे हैं। तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी करने के लिए IPC  की धारा 120 के तहत आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। IRCTC मामले में कार्रवाई हुई तो 7 साल की जेल तक हो सकती है।

जमा ख़ान: हिंसा भड़काने, अटेम्प्ट टू मर्डर और आर्म्स एक्ट का चल रहा है केस

शपथ लेने वाले जमा खान की छवि दबंग नेता की रही है। जमा खान कभी कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीते थे। बाद में ये जेडीयू में शामिल हो गए। नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल में इन्हें जगह मिली। हालांंकि इस पर काफी विवाद भी हुआ था। जमा खान हत्या की कोशिश करने, हिंसा को भड़काने, आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में मुकदमे चल रहे थे।

तेज़ प्रताप यादव: दहेज उत्पीड़न के अलावा थानों में 4 मामले दर्ज़

लालू यादव के बेटे और डिप्टी CM के भाई तेज प्रजाप यादव हसनपुर से विधायक हैं। तेज प्रजाप यादव पर पटना के अलग-अलग थानों में चार मामले दर्ज हैं और एक मामला दहेज उत्पीड़न से भी जुड़ा हुआ है।

सुरेंद्र यादव: 9 आपराधिक मामले दर्ज़

बिहार में सुरेंद्र यादव की छवि एक दबंग विधायक की है और राजनीति का ताकतवर चेहरा हैं। वह लालू यादव और तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। पिछले 30 साल से बेलागंज से विधायक रहे हैं। सुरेंद्र दो बार जनता दल और पांच बार आरजेडी विधायक रहे हैं। छवि मजबूत होने के कारण इनकी जीत पक्की मानी जाती है।

ललित यादव: प्रॉपर्टी डीलर की हत्या का आरोप, इनके गार्डन में मिला था शव

राजद नेता ललित यादव दरभंगा ग्रामीण सीट से विधायक हैं। उनके खिलाफ पटना थाने में एक केस दर्ज है। ललित यादव उस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे जब उन पर प्रॉपर्टी डीलर की हत्या करने का आरोप लगा था। शाहपुर चक्का गांव के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर हीरा पासवान की गोली मारकर हत्या हुई थी। शव ललित यादव के बगीचे से बरामद हुआ था।

कार्तिक कुमार, कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज़

राजद नेता कार्तिक कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं। मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है।

मदन सहनी पर भी मुकद्दमा

जेडीयू कोटे से मंत्री बने मदन सहनी दरभंगा जिले के बहादुरपुर सीट से विधायक हैं। इनपर IPC के सेक्शन 188 के तहत दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक मामला बहादुरपुर और दूसरा घनश्यामपुर थाना में दर्ज है। साल 2009 में बहादुरपुर थाना में दर्ज हुए FIR नंबर 218 में 7 जुलाई 2020 को चार्ज फ्रेम हो चुका है। यह केस दरभंगा के ACJM-9 के कोर्ट में है।

 लेसी सिंह: पति की मौत के बाद हत्या की साज़िश रचने की आरोपी

लेसी सिंह नीतीश सरकार में खाद्य-उपभोक्ता मंत्री रही हैं। उन पर पूर्णिया के सरसी में पूर्व जिला परिषद रिंटू सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा हुआ है। इतना ही नहीं, नवंबर 2000 में चुनाव के दौरान RJD नेता बिन्नी सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी उन पर है। साल 2000 में लेसी सिंह के पति को पूर्णिया कोर्ट में गोलियों से भूनकर मार डाला गया था। पति की मौत होने के बाद लेसी सिंह ने राजनीति का रास्ता चुना। साल 2000 में चुनाव लड़ा और जीता भी। इसके बाद से वो बिहार के धमदाहा से लगातार चुनाव जीतती आई हैं। वह नीतीश कुमार के साथ समता पार्टी के जमाने से जुड़ी हुईं हैं। हालांकि दर्ज़ किसी भी FIR  में इनका नाम नहीं है। पुलिस का आरोप है कि इनके कैंपस से हथियारों का ज़खिरा मिला था।

सुमित सिंह पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप

बिहार के एकलौते निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह पर मुंगेर के कोतवाली थाना में धोखाधड़ी और जालसाजी करने के मामले में एफआईआर दर्ज है। सुमित जमुई जिले के चकाई सीट से निर्दलीय विधायक हैं।

 

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