जानिए क्या है, मां दुर्गा की चौथी शक्ति, देवी कूष्माण्डा की पावन कथा

लखनऊ। नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कूष्माण्डा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कूष्माण्डा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने ईषत् हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इन्हे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है। इस देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।

इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कूष्माण्डा कहते हैं। इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की क्षमता केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है। अचंचल और पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इस देवी की पूजा-आराधना करनी चाहिए। इससे भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। ये देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है।

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भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी आज  है, जानिए शुभ तिथि और पूजा विधि व चंद्रदर्शन…

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश को चतुर्थी तिथि समर्पित होती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। आज भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी […]

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भगवान गणेश के इस मंत्र से घर के सारे कष्ट हो जाएँगे छूमंतर

यदि गजानन के 12 नामों को एक बार में जपना है तो पढ़े ये मंत्र डॉ उमाशंकर मिश्रा सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः। लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः।। धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः। द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि।। विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा। संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते।। 1-सुमुख : अर्थात सुन्दर मुख वाले। 2-एकदन्त :  अर्थात एक दांत […]

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घर में हो वास्तुदोष तो हनुमान जी के फ़ोटो से कर सकते हैं दूर, जानें आसान विधि

डॉ उमाशंकर मिश्रा लखनऊ। श्रीराम भक्त हनुमान साक्षात एवं जाग्रत देव हैं। इनकी भक्ति से चमत्कारिक रूप से संकट खत्म होकर भक्त को शांति और सुख प्राप्त होती है। जिसने इनकी भक्ति का रस चख लिया वह फिर जिंदगी में अपनी बाजी कभी नहीं हारता है। जिस घर में इनका चित्र होता है वहां मंगल, […]

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