अभिजित मुहूर्त  11:50 से 12:41 सुबह 07:30 से सुबह 09:00 जानें आज का पंचांग

डॉ उमाशंकर मिश्र


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक हिंदू वर्ष में दो अयन होते हैं, जिन्हें दक्षिणायन और उत्तरायन कहते हैं। उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है। बताया गया कि सूर्य उत्तरायण होता है तो मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि किए जा सकते हैं। जबकि दक्षिणयान के दौरान किसी भी तरह के मांगलकि कार्य करने की मनाही होती है। इन दोनों अयनों का महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।

दिनांक – 05 सितम्बर  2022

दिन –               सोमवार

विक्रम संवत –         2079

 शक संवत –           1944

अयन –                      दक्षिणायन

 ऋतु –               शरद ॠतु

 मास –               भाद्रपद

पक्ष –                शुक्ल

तिथि –               दशमी रात्री 02:51 तक तत्पश्चात एकादशी

 नक्षत्र –               मूल संध्या समय 06:13 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा

योग –               प्रीति सुबह 10:38 तक तत्पश्चात आयुष्मान

राहुकाल –             सुबह 07:30 से सुबह 09:00 तक

सूर्योदय –             05:46

 सूर्यास्त –             18:14

दिशाशूल –            पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण – दशमी क्षय तिथि, शिक्षक दिवस

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