योगी सरकार ने MSME सेक्टर के जरिये अब तक प्रदेश के ढाई करोड़ से अधिक युवाओं को दिया रोजगार

  • योगी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को दी नई ऊर्जा, अब तक बांटे साढ़े छह लाख करोड़ के लोन
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही दमतोड़ चुके एमएसएमई सेक्टर को नई ऊर्जा देने के लिए शुरू की थी मुहिम
  •  सीएम योगी ने पिछले साढ़े छह वर्षों में 6,55,684 करोड़ का लोन वितरित कर रचा कीर्तिमान

लखनऊ । पिछली सरकारों में उपेक्षा का शिकार MSME सेक्टर योगी राज में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ विकास की नई इबारत लिख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही नतीजा है कि कभी दम तोड़ रहा एमएसएमई सेक्टर आज वैश्विक मंच पर न केवल प्रदेश का नाम रौशन कर रहा है बल्कि देश में उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है। वहीं योगी सरकार राज्य के युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पिछले साढ़े छह वर्षों में 6,55,684 करोड़ रुपये का लोन वितरित कर चुकी है। इसका लाभ प्रदेश के हस्तशिल्पि, कारीगर और छोटे उद्यमियों ने प्राप्त किया है। इतना ही नहीं योगी सरकार ने पिछले साढ़े छह वर्षों में एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से प्रदेश के ढाई करोड़ से अधिक युवाओं को सीधे रोजगार उपलब्ध कराया है।

सीएम योगी ने MSME सेक्टर को नई ऊर्जा देने के साथ युवाओं को उपलब्ध कराया रोजगार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कमान संभालते ही प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए MSME सेक्टर पर जोर दिया। इसके लिए योगी सरकार ने पिछली सरकारों में हताश परंपरागत उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं का संचालन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने MSME सेक्टर से जुड़े हस्तशिल्पियों, कारीगरों, छोटे व्यापारियों और छोटे उद्यमियों के लिए ओडीओपी योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना समेत तमाम योजनाओं को शुरू किया। इसके जरिये उन्होंने MSME को नई ऊर्जा देने के साथ युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया। उनकी यह मुहिम अब रंग लाने लगी है। पहले हताशा, निराशा और अराजकता की वजह से प्रदेश छोड़ने को मजबूर परंपरागत उद्यमी आज दूसरे राज्यों के युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। साथ ही विश्व पटल पर अपनी मेहनतकशी और कारीगरी का लोहा मनवा रहे हैं। योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही इस सेक्टर को गति देने के लिए लोन मेला का आयोजन कर ऋण वितरण के साथ यूनिट लगाने के लिए कई सहूलियतें दीं। यही वजह है कि आज प्रदेश में 90 लाख से अधिक एमएसएमई यूनिट्स का संचालन हो रहा है। साथ ही अपना अस्तित्व खो रहे MSME सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए पिछले साढ़े छह वर्षाें में साढ़े छह लाख करोड़ से अधिक लोन वितरित किया।

हर साल वार्षिक लक्ष्य से अधिक वितरित किया गया लोन

योगी सरकार ने वर्ष 2017-18 में MSME को 31,330 करोड़ लोन देने का लक्ष्य रखा। सरकार की मॉनिटरिंग और इस सेक्टर को रफ्तार देने की मुहिम के तहत लक्ष्य से अधिक 46,594 करोड़ का लोन वितरित किया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 149 प्रतिशत रहा। वर्ष 2018-19 में 41,402 करोड़ लोन देने का लक्ष्य रखा गया। इस वित्तीय वर्ष में भी लक्ष्य से अधिक 57,809 करोड़ का लोन बांटा गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 140 प्रतिशत रहा। वर्ष 2019-20 में 51,809 करोड़ लोन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया। इस वर्ष भी लक्ष्य से अधिक 71,081 करोड़ लोन का वितरण किया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 137 प्रतिशत रहा। वहीं वर्ष 2020-21 में 61,759 करोड़ लोन वितरण का वार्षिक लक्ष्य रखा गया। निर्धारित लक्ष्य से अधिक 73,765 करोड़ लोन वितरित किया गया, जो लक्ष्य का 119 प्रतिशत रहा। वर्ष 2021-22 में 72,251 लोन बांटने का लक्ष्य रखा गया। इस साल भी निर्धारित लक्ष्य से अधिक 83,067 करोड़ का लोन बांटा गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत रहा। वर्ष 2022-23 में योगी सरकार ने वार्षिक लक्ष्य 78,360 रखा। पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी लक्ष्य से अधिक 1,50,032 करोड़ का लोन वितरित किया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 191 प्रतिशत रहा। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,00,815 करोड़ लोन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2023 के शुरुआत से लेकर दिसंबर-23 तक 1,73,336 करोड़ का लोन वितरित किया गया चुका है, जो वित्तीय वर्ष के पूरे होने से पहले लक्ष्य के सापेक्ष 172 प्रतिशत है।

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