शाश्वत तिवारी
नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय के कार्य को चलाने के लिए एक विशेष सेवा वर्ग का निर्माण किया गया है, जिसे भारतीय विदेश सेवा यानि IFS कहते हैं। रविवार को IFS दिवस के मौके पर विदेश मंत्री एसo जयशंकर (External Affairs Minister SO Jaishankar) ने विदेश सेवा (Foreign Service) में काम कर रहे लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश सेवा आने वाले वर्षों में और ताकत से बढ़ेगी और विश्व स्तर पर भारत के हितों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। भारतीय विदेश सेवा भारत के पेशेवर राजनयिकों का एक निकाय है। यह सेवा भारत सरकार की केंद्रीय सेवाओं का हिस्सा है। भारत के विदेश सचिव भारतीय विदेश सेवा के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं।
विदेश सेवा को विकसित करने पर बल
विदेश मंत्री एस० जयशंकर ने ट्वीट कर सेवाएं देने वालों को बधाई दी और लिखा कि सेवा का जन-केंद्रित दृष्टिकोण देश और विदेश में व्यापक रूप से प्रकट होता है। जिस शानदार तरीके से विदेश सेवा के सदस्यों ने ऑपरेशन गंगा की चुनौतियों का सामना किया उसे पूरे देश ने देखा है। आगे उन्होंने लिखा कि आने वाले वर्षों में IFS और विकसित होगा, साथ ही एक नए और आत्मविश्वास से भरे भारत को प्रतिबिंबित करेगा। साथ ही यह 2047 के लिए हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा।
भारतीय उच्चायोग का भी किया उद्घाटन
विदेश मंत्री ने वेलिंगटन में नए भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन किया साथ ही भारत और न्यूजीलैंड के बीच अहम संबंधों को और प्रगाढ़ करने की बात कही। विदेश मंत्री ने इससे पहले डिजिटल, कृषि, शिक्षा आदि क्षेत्रों में कारोबार की असीम संभावनाएं तलाशने के लिए भी न्यूजीलैंड में एहम चर्चाओं में भाग लिया था और उन्होंने न्यूजीलैंड (New Zealand) के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से यहां रह रहे भारतीय छात्रों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।