लखनऊ। शहीद-ए- आजम भगत सिंह की जन्म जयंती पर भारतीय नागरिक परिषद् के तत्वावधान में बुधवार को भगत सिंह के क्रांतिकारी जीवन का स्मरण किया गया और शहीदों के सपनों के भारत विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। हजरतगंज स्थित गोमती होटल में आयोजित संगोष्ठी शहीदों के सपनों का भारत में मुख्य अतिथि उप्र सरकार के वित्त मंत्री मा सुरेश खन्ना जी और मुख्य वक्ता ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे थे।
इस संगोष्ठी की अध्यक्षता भारतीय नागरिक परिषद् के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अग्निहोत्री ने की और संचालन महामन्त्री रीना त्रिपाठी ने किया। जबकि इस गोष्ठी के मुख्य अतिथि सुरेश खन्ना ने कहा कि भगत सिंह के स्मरण का अर्थ है हर क्षेत्र , हर दल और विचार में घुसी जातीय विद्रूपताओं व् संकीर्णताओं को अपने व्यवहार से ख़त्म करे, दहेज़, कन्या भ्रूण ह्त्या, स्त्री अपमान, अंध विश्वास भगत सिंह की क्रांतिकारी ज्वालाओं में भस्म हों तभी उनका स्मरण सार्थक होगा।
उन्होंने कहा जहाँ भी अन्याय, जुल्म और अनाचार है उसके खिलाफ उठने वाली हर आवाज भगत सिंह है। मुख्य वक्ता शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि भगत सिंह कहते थे कि युद्ध छिड़ा हुआ है और यह युद्ध तब तक चलता रहेगा जब तक कि शक्तिशाली व्यक्ति भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर एकाधिकार जमाये रखेंगे। चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति हों या सर्वथा भारतीय पूंजीपति। भगत सिंह ने कहा कि यह युद्ध न तो हमने प्रारम्भ किया है और न यह हमारे जीवन के साथ समाप्त होगा।
भगत सिंह ने कहा हम गोरी बुराई की जगह काली बुराई को लाकर कष्ट नहीं उठाना चाहते। बुराइयाँ एक स्वार्थी समूह की तरह एक दूसरे का स्थान लेने के लिए तैयार रहती हैं। संगोष्ठी में राज्य सूचना आयुक्त किरन बाला चौधरी,वरिष्ठ समाजसेवी वीरेश्वर द्विवेदी तथा वरिष्ठ पत्रकार प्रभात रंजन दीन, डॉक्टर अनूप सिंह चौहान , डा.मिथिलेश सिंह ,समाजसेवी नीता खन्ना,पूर्व पार्षद सौरभ सिंह की मौजूद रहे। संगोष्ठी में प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी संघों के वरिष्ठ पदाधिकारी, शिक्षक, बुद्धिजीवी और आम लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। मुख्य रूप से कमलेश मिश्रा, सतीश पांडे, पवन कुमार, राजीव सिंह, आशीष यादव, प्रभात सिंह, गीता वर्मा, जितेंद्र सिंह गुर्जर व सुरजीत सिंह मौजूद थे। खन्ना,पूर्व पार्षद सौरभ सिंह की मौजूद रहे। संगोष्ठी में प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी संघों के वरिष्ठ पदाधिकारी, शिक्षक, बुद्धिजीवी और आम लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। मुख्य रूप से कमलेश मिश्रा, सतीश पांडे, पवन कुमार, राजीव सिंह, आशीष यादव, प्रभात सिंह, गीता वर्मा, जितेंद्र सिंह गुर्जर व सुरजीत सिंह मौजूद थे।