अमेरिका के विरोध मे क्यो बढ रही है भारत की नाराजगी

  • पाकिस्तान के साथ F16 डील को लेकर अमेरिका से भारत की नाराजगी
  • राज्य में विभिन्न स्थानों पर आंदोलन
  • सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है #BoycottAmerica,
  • अमेरिकी सामान के बहिष्कार की मांग

मुंबई ।  भारत ने आठ सितंबर, 2022 को F-16 फाइटर जेट्स के लिए पाकिस्तान को $450 मिलियन (3651 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता प्रदान करने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के आतंकी-प्रायोजित निर्णय के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है। भारतीय नागरिकों में यह भावना पैदा हो गई है। कि पाकिस्तान से हाथ मिलाना एक तरह से आतंकवाद को हवा देने जैसा है और इसके खिलाफ मुंबई में एक बड़ा जन आंदोलन और उसके बाद नागपूर में एक जन आंदोलन किया गया। अमेरिका के इस रुख की पृष्ठभूमि में भारतीय बाजार में अमेरिकी सामानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी जोर पकड़ रही है। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए #Boycott America ट्रेंड हो रहा था।

पाकिस्तान की आतंकी हरकत ने पूरी दुनिया को गर्मा दिया है। भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अंतरराष्ट्रीय नीति के माध्यम से कई बार भारतीय पाकिस्तान का गला घोंट दिया है। उसमें अमेरिका ने पाकिस्तान की हिम्मत बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। भारत और अमेरिका के बीच अंतरराष्ट्रीय संबंध जगजाहिर हैं। इसी तरह आर्थिक संबंधों को काफी हद तक संरक्षित किया गया है। भारत आर्थिक नीति के जरिए अमेरिकी राजस्व में इजाफा कर रहा है। हालाँकि, अमेरिका आर्थिक लाभ के लिए पाकिस्तान को व्यावहारिक सहायता प्रदान कर रहा है, लेकिन एक भावना है कि यह भूमिका आतंकवाद के विकास के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगी।

इससे यह सवाल उठता है कि भारत को भारतीय बाजार में अमेरिकी सामानों का बहिष्कार क्यों नहीं करना चाहिए। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, महाराष्ट्र के वीर योद्धा संगठन ने मुंबई के आजाद मैदान में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र राज्य के वीर योद्धा संगठन के प्रमुख और गौ रक्षक श्रीकांत रंजनकर के साथ सैकड़ों लोग अमेरिकी कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। अमेरिका की इस आतंकी प्रायोजित भूमिका पर तीखा गुस्सा जाहिर करते हुए अब अमेरिकी सामान पर प्रतिबंध लगाने की मांग सामने आ रही है। चीन के बाद भारत के पास अमेरिका को भी हराने की ताकत है। अमेज़ॅन, नेटफ्लिक्स, कोका कोला आदि जैसे अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारतीय नागरिकों ने भारत में #BoycottAmerica अभियान के माध्यम से अपना विरोध दिखाया है।

पाकिस्तान और दुनिया भर के आतंकवाद के बीच सीधा संबंध 9/11, 26/11 के आतंकी हमलों से साबित हो गया है और यह वही F16 विमान है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने बालाघाट हवाई हमले को अंजाम देने के लिए किया था। ऐसे में भारतीयों को लगा है कि एफ16 जैसे फाइटर जेट्स को आर्थिक मदद देकर अमेरिका सीधे तौर पर आतंकवाद को हवा दे रहा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका-पाकिस्तान सौदे पर कड़ी आपत्ति जताई है। अमेरिका के सहायक रक्षा सचिव एली रेइटनर का कहना है कि पाकिस्तान को जो मदद दी जा रही है।

वह अमेरिका के फायदे के लिए है, भारतीयों में यह भावना है कि यह कहना भी अस्वीकार्य है कि भारत का इससे कोई लेना-देना नहीं है। अमेरिका दुनिया भर में अपना माल बेचकर बहुत बड़ी रकम कमाता है। आतंकवाद को पोषित करने वाले पाकिस्तान जैसे देश की मदद के लिए अगर अमेरिका भारतीय बाजार में अपना माल बेचकर उसी आय का उपयोग करता है, तो यह उन सैनिकों का अपमान है जो भारत और शहीदों के लिए दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं। जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी है। साथ ही हाल ही में वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा केंद्र सरकार के मजबूत आर्थिक रुख पर उठाई गई आपत्तियां भी निंदनीय हैं। इस पृष्ठभूमि में आने वाले समय में अमेरिका के खिलाफ गुस्से की भावना और तेज होगी और विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध करने की भूमिका निभाई है!

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